सहकारी बैंक से 32 लाख रुपये की चोरी का खुलासा,सरगना समेत तीन गिरफ्तार

पंकज कुमार मिश्र
लखीमपुर-खीरी संदेश महल समाचार

15 जनवरी की रात राजापुर मंडी स्थित लखीमपुर-खीरी में जिला सहकारी बैंक से 32 लाख की चोरी का खुलासा पुलिस ने कर दिया है।गिरोह के सरगना समेत तीन अभियुक्तों को गिरफ्तार करने के साथ चोरी के चार लाख पांच हजार रुपये, कार, देसी असलहा, दो कारतूस और वायर कटर समेत चोरी में इस्तेमाल तमाम उपकरण बरामद किये हैं। एसपी गणेश प्रसाद साहा ने बताया कि शारदानगर क्षेत्र में महाराष्ट्र नंबर की एक कार से आरोपियों तक पहुंचने के सुराग मिले।
पुलिस लाइन में एसपी गणेश प्रसाद साहा ने बताया कि मामले में सीओ सिटी संदीप सिंह के नेतृत्व में पुलिस टीम का गठन किया था। पुलिस टीम को मंगलवार रात 12 बजे सूचना मिली कि महाराष्ट्र के नंबर की एक कार शारदानगर से लखीमपुर शहर की तरफ जा रही थी। कुछ संदिग्ध सवार थे। चेकिंग के दौरान चालक कार को गोला रोड की तरफ तेज रफ्तार से मोड़कर जाने लगा, जिसे पुलिस ने घेराबंदी कर पकड़ लिया।
कार सवार तीनों अभियुक्त सुरेश उमक उर्फ सागर देशमुख उर्फ सुरेश काशीनाथ उमक निवासी अमरावती रुलर महाराष्ट्र, तुषार कुमार उर्फ ऋषभ निवासी देवकली करनपुर जनपद प्रतापगढ और हरिप्रसाद पुत्र हीरालाल निवासी देवकली करनपुर जनपद प्रतापगढ़ को गिरफ्तार किया है।
पूछताछ में तीनों ने पुलिस को बताया कि तीनों कार के जरिये बैंक लूटने की रेकी करते हैं। इस दौरान एकांत में पड़ने वाली बैंक में दो-तीन दिन लगातार छुट्टी पड़ने पर वारदात करते हैं।
पुलिस ने बताया कि हरि प्रसाद व सुरेश काशी राव निवासी अमरावती महाराष्ट्र से चार जनवरी से अपने साथी राजेंद्र के मार्फत सलूजा होटल में कमरा लेकर रुके थे। होटल पहुंचने से पहले ही कार की नंबर प्लेट बदलकर फर्जी नंबर प्लेट लगा ली थी। इसके बाद राजेंद्र के बताने पर राजापुर मंडी के अंदर जिला सहकारी बैंक जाकर रेकी की थी। सुरेश उमक ने अपने अन्य साथी तुषार उर्फ ऋषभ को बुलाया, जो उसी होटल में रुका और उसके जरिये शहर की दुकान से गैस कटर खरीदा और चोरी को अंजाम दिया। 32 लाख में 16 लाख ही ला सके, शेष नकदी जल गई
पुलिस पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि बैंक से कुल सोलह लाख रुपये मिले थे, जबकि लॉकर काटते समय गैस की आग से बाकी की नकदी जल गई थी। सुरेश उमक ने बताया कि उसे बंटवारे में छह लाख रुपये मिले थे, जिसमें साथी हरिप्रसाद को एक लाख व तुषार को पचास हजार रुपये दिये। बाकी का पैसा राजेंद्र के पास था। बताया कि जली हुई नकदी व दो ऑक्सीजन सिलिंडर नदी में फेंक दिये थे।
राजेंद्र एलपीजी सिलिंडर को अपने साथ ले गया था। तीनों आरोपियों से बरामद नम्बर प्लेटों के बारे मे पूछा गया तो तीनों ने एक साथ बताया कि, जब हम लोग चोरी करने के लिये जाते हैं तो कार की पहचान छुपाने के लिये फर्जी नंबर प्लेट लगा लेते हैं, जिसे पकड़ में न आएं। कार के कागज आरोपी नहीं दिखा सके। गाड़ी की नंबर प्लेट कूटरचित थी।
गिरोह के मुख्य सरगना सुरेश उमक के खिलाफ महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के विभिन्न जनपदों के थानों में 24 आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं। आरोपी विभिन्न शहरों में नाम बदलकर रहता था। पुलिस से पहचान छुपाने के लिये 2010 में उसने प्लास्टिक सर्जरी करई थी। सुरेश उमक को कई राज्यों की पुलिस बैंक चोरी के अपराध में तलाश कर रही है। शातिर अपराधी द्वारा उत्तर प्रदेश के कई जिलों मे रेकी करके जिला सहकारी बैंक को टारगेट करने की योजना बनाई। एसपी ने बताया कि चोरी का खुलासा करने वाली पुलिस टीम को 25 हजार रुपये का इनाम दिया जाएगा।

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