रिपोर्ट
दियंश कुमार
संदेश महल समाचार पत्र लखीमपुर खीरी
100 साल पुराने वृक्षों को विरासत वृक्ष घोषित किया जाना है, जिसके लिए वन विभाग ने जनपद के 67 वृक्षों को चिन्हित किया है। इन वृक्षों की सूची जैव विविधता बोर्ड के पास भेजी गई हैं, जिनका सत्यापन होने के बाद इन्हें विरासत वृक्ष घोषित किया जाएगा।
टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पिछले वर्ष पौधरोपण के दौरान 100 साल या इससे पुराने वृक्षों को सूचीबद्ध करके उन्हें विरासत वृक्ष घोषित करने के निर्देश दिए थे। सार्वजनिक भूमि पर स्थित ऐसे पेड़ों को उत्तर प्रदेश जैव विविधता बोर्ड विरासत वृक्ष घोषित करेगा। वहीं वन भूमि पर खड़े पुराने पेड़ों को डीएफओ द्वारा विरासत वृक्ष घोषित किया जाएगा। घोषित विरासत वृक्षों की देखभाल व संरक्षण का कार्य डीएफओ के जिम्मे रहेगा, लेकिन नगर पालिका क्षेत्र के विरासत वृक्षों की जिम्मेदारी उस निकाय की होगी। यदि पेड़ किसी सरकारी विभाग की जमीन पर है, तो संबंधित विभाग उसकी देखभाल और स्थलीय विकास करेगा। नोडल अधिकारी/डीएफओ समीर कुमार ने बताया कि साउथ डिवीजन में 65 और नार्थ डिवीजन में दो पेड़ 100 साल पुराने चिन्हित किए गए हैं। इनमें ज्यादातर पेड़ पीपल, बरगद, पाकड़ के हैं, जबकि सेमल का एक पेड़ भी सूची में शामिल किया गया है। उन्होंने बताया कि साउथ कार्यालय में खड़ा पाकड़ का पेड़ 100 साल से पुराना है। ऐसे ही लिलौटीनाथ मंदिर परिसर में बरगद का पेड़ 100 साल से ज्यादा पुराना बताया जा रहा है।
100 साल पुराने पेड़ों के विरासत वृक्ष घोषित करने की कार्रवाई शुरू हो चुकी है, लेकिन ज्यादातर भेजे गए पेड़ों की उम्र के बारे में अभी अनुमान ही लगाया जा रहा है। पेड़ों की वास्तविक उम्र का पता लगाने के लिए अब तक कोई विशेष तरीका अमल में नहीं लाया गया है। बफर जोन दुधवा के उपनिदेशक डॉ अनिल कुमार पटेल ने बताया कि पेड़ों की वास्तविक उम्र का पता लगाने के लिए अभी स्थानीय स्तर पर कोई तकनीक नहीं है। सिर्फ बुजुर्गों से मिली जानकारी के आधार पर ही आकलन किया गया है।
मंझिलीपुरवा में बरगद के पेड़ के सौ साल से अधिक पुराना होने का दावा
निघासन। गांव मंझिलीपुरवा में 100 साल से ज्यादा पुराना बरगद का पेड़ होने का दावा किया जा रहा है। इस पेड़ के नीचे श्रीकृष्ण जन्माष्टमी धूमधाम से मनाई जाती है। घरों के पास पेड़ होने के कारण इसकी शाखाओं को काट दिया गया था।
450 साल पुराना वटवृक्ष होगा राजकीय विरासत
धौरहरा। जुगनूपुर ग्रामपंचायत के मजरा राम बट्टी में बरगद का पेड़ 450 साल से भी अधिक पुराना होने का दावा किया जा रहा है। रिपोर्ट जैव विविधता बोर्ड भेजी गयी है। मान्यता है कि तुलसीदास जी ने यहां बैठ कर रामचरित मानस के बालकांड की रचना की थी।
जनपद में 100 साल पुराने 67 पेड़ों को चिन्हित किया गया है और सूची जैव विविधता बोर्ड लखनऊ भेज दी गई है। बोर्ड द्वारा सत्यापन कराने के बाद विरासत वृक्षों की सूची जारी की जाएगी।