रिपोर्ट/- जेपी रावत बाराबंकी संदेश महल समाचार
मेरे खेत की मिट्टी से पलता है तेरे शहर का पेट
मेरा नादान गांव अब भी उलझा है किश्तों में
किसी शायर का यह कलाम प्रशासनिक व्यवस्था पर सवाल खड़ा कर रहा है।अब बात करते हैं, क्षेत्र में बेखौफ हो रहे खनन माफियाओं और जिम्मेदार अधिकारियों की कार्रवाई की व्यवस्था पर पेश एक रिपोर्ट-
क्षेत्र में पुलिस व प्रशासन की अनदेखी के चलते निजी जगहों पर मिट्टी खनन बे रोक-टोक चल रहा है। खनन माफिया खुलेआम ट्रैक्टर-ट्राली में मिट्टी भरकर बेच रहे हैं। जनपद बाराबंकी के थाना मोहम्मदपुर खाला के अंतर्गत बिबियापुर,बिकपुरवा,गगौरा,नंदऊपारा के बाद अब बसौली में धरती को खोदकर उसे भी खोखला बनाया जा रहा है। माफिया मिट्टी से मोटी कमाई कर रहे है। मौजूदा समय में ग्रामीण क्षेत्र में मिट्टी की एक ट्रॉली 1200 से 1500 रुपये तक बिकती है। शहरी क्षेत्र में इसकी कीमत डेढ़ गुना बढ़ जाती है।बसौली गांव के पास ट्रैक्टर के ताजा निशान यह बताने के लिए काफी हैं कि अवैध खनन बिना किसी खौफ के धड़ल्ले से किया जा रहा है।
मिट्टी खनन में पारदर्शिता लाने के लिए नियमों में बदलाव किया गया है। अब निजी भूमि से मिट्टी खनन करने के लिए आनलाइन अनुमति मिलेगी। भूतत्व एवं खनिकर्म निदेशालय ने इससे लिए पोर्टल लांच किया है। जिस पर आनलाइन आवेदन करना होगा और फौरन अनुमति मिलेगी। यह व्यवस्था पारदर्शिता और सुविधा के लिए की गई है। आनलाइन आवेदन से 100 घनमीटर तक मिट्टी खनन की अनुमति मिलेगी। इसी परमीशन की आड़ में दिन भर मिट्टी से लदी ट्रालियां बेखौफ सड़कों पर फर्राटा भरती नजर आ रही है। अब बात करते हैं परमीशन की तो कुछ जानकारों ने बताया कि पंद्रह दिनों के भीतर तीस ट्रॉली मिट्टी ढोई जा सकती है। कहने का आशय यह है कि एक दिन में दो ट्रॉली मिट्टी किंतु यहां पर तो ट्रॉलियां इसी परमीशन की आड़ में दिन भर फर्राटा भरती नजर आ रही है। साथ ही समझने का पहलू यह भी है कि जिस खेत का परमीशन बना हुआ है और जहां पर मिट्टी जानी चाहिए वहां पर मिट्टी पहुंचती है ऐसा नहीं है, तहसील फतेहपुर, रामनगर आज तक जितने भी परमीशन प्रशासन की अनुमति से जारी हुए हैं उन सभी परमीशनो की वास्तविकता की पड़ताल की जाए तो हकीकत से अपने आप पर्दा उठ जाएगा। किंतु यहां पर तो खनन माफिया स्थानीय प्रशासन पर हावी दिखाई दे रहे हैं। इसकी वजह से क्षेत्र में हजारों घन मीटर खनन हो चुका है। मामला उजागर होने के बाद कार्रवाई न करना जिम्मेदारों की संलिप्तता को साफ दर्शाता है। थाना मोहम्मद पुर खाला के अंतर्गत बिबियापुर,बिकपुरवा, गगौरा, नंदऊपारा में ऑनलाइन 100 घन मीटर खनन की परमीशन की आड़ में जमीन पर जेसीबी से मिट्टी खनन किया गया।
मिट्टी खुदई से जमीन खेती करने लायक भी नहीं बची कई फिट तक मिट्टी खुदई के गहरान आज भी अपनी हकीकत बयां करते हुए नजर आ रहे हैं। जहां से खनन माफियाओं ने मिट्टी खुदवा कर क्षेत्र में बेच दी। खनन होने के बावजूद पुलिस और प्रशासन ने जांच करने की जहमत नहीं दिखाई। खनन नियमानुसार किया जा रहा अथवा नहीं। एसडीएम ने बताया कि खनन होने की जानकारी मिलने पर इंस्पेक्टर से बात की गई तो ऑनलाइन खनन की परमीशन होने की बात कही थी। इसकी रिपोर्ट जिले पर भेजी गई थी। क्षेत्र के आसपास गांव के लोगों ने बताया कि जब परमिशन थी तो रात में खनन क्यों किया गया था। पूर्व बिबियापुर,बिकपुरवा में 100 घन फुट मिट्टी परमीशन के लिए हुए राजी कास्तकारो से बात की गई तो उनका कहना है कि मिट्टी माफिया ठेकेदार यह कहकर राजी किया था खुदाई के बाद खेत बराबर करवा देंगे किंतु न तो आज तक पैसा मिला और न ही खेत बराबर किया गया।हम लोग तो किसी भी दीन में नहीं रहे। मिट्टी खोदने के बाद अब तो मिट्टी ठेकेदार बात करना भी पसंद नहीं करते हैं।
एक सवाल यह भी आता है हम पत्रकार हैं खबर लिखते हैं। अधिकारी से बात कर ले आखिर कितनी बार बार कर ले। रोज वहीं रटा रटाया आलाप इस संबंध में दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी। आज तक पुलिस से लेकर तहसील प्रशासन तक दोषी ही नहीं मिल पाए वाह रे प्रशासन की व्यवस्था।
डॉ॰ अर्जुन तिवारी के कथानानुसार-
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