15 दिनों से भूखे पेट लौट रहे नौनिहाल,नहीं बन रहा एमडीम गैर जिम्मेदाराना शिक्षण कार्य

 

रिपोर्ट
रामनाथ वर्मा/अनुज कुमार शुक्ला
सीतापुर संदेश महल समाचार

पिछले 15 दिन से स्कूल में पढ़ने वाले नौनिहाल भूखे पेट लौट रहे हैं। एक ओर जहां विद्यालय प्रबंधन के गैर जिम्मेदाराना रवैए के कारण नौनिहालों को भूखे पेट लौटना पड़ रहा है। वहीं इस मामले में कोई कोशिश नहीं की जा रही है।जब मामले को लेकर संदेश महल समाचार पत्र प्रतिनिधि ने जिम्मेदार अफसरों से बात चीत की तो उनके बयानों में भी अलग अलग पहलू खुलकर सामने आए।बस वही बात साबित हुई न हम कहें तुम्हारी न तुम कहो हमारी,चोर चोर सगे मौसेरे भाई। वाह रे शिक्षा व्यवस्था। यहां तो घालमेल की हदें ही पार हो गई। नौनिहालों को भूखे पेट लौटाया जा रहा है। और सरकार नौनिहालों पर पैसा पानी की तरह बहा रही है।

गौरतलब हो कि जनपद सीतापुर में शिक्षा क्षेत्र विकास खंड पहला के प्राथमिक विद्यालय खाफा प्रथम का मामला संज्ञान में आया जिसमें बालक बालिकाएं कक्षा एक से लेकर पांच तक पढ़ने आते हैं लेकिन पिछले 15 दिनों से इनको एक बार भी मध्याह्न भोजन नहीं दिया गया है। ऐसे में यह सब नौनिहाल अपने घर लंच के समय में खाना खाने जाते हैं। जहां पर सरकार कोरोना काल के समय बंद स्कूल होने पर बच्चों के घर तक मिड-डे मील का राशन देती थी। किंतु इस विद्यालय के छात्रों को विद्यालय में भी भोजन नहीं मिल पा रहा है।
अब बात करते हैं विद्यालय प्रबंधन की तो जब विद्यालय में भोजन न बनने का मामला संदेश महल समाचार पत्र प्रतिनिधि के संज्ञान में आया तो प्राथमिक विद्यालय खाफा प्रथम प्रधानाचार्य

 

से बात चीत हुई तो इनके अनुसार पन्द्रह नवंबर से विद्यालय में मध्यान्ह भोजन नहीं बनाया जा रहा है। विद्यालय में तैनात शिक्षिका के विद्यालय में न उपस्थित के विषय में बड़ी भूमिकाओं को बताया गया।

मामले को लेकर एबीएसए अजय विक्रम से बात चीत हुई तो कुछ अलग ही पहलू खुलकर सामने आए। बात कुछ भी हो किन्तु विद्यालय प्रबंधन के लचर व्यवस्था का खामियाजा विद्यालय में अध्ययनरत विद्यार्थियों को भुगतना पड़ रहा है।जब जिम्मेदार इस तरह बच्चों के भोजन के साथ करेंगे फिर तो देश का भविष्य बनाने वाले नौनिहालों का क्या होगा।

 

इस बाबत एबीएसए सिंह का कहना है कि विद्यालय में भोजन बनाया जा रहा है,इसकी लिखित सूचना भी मिल रही है। विद्यालय प्रबंधन कह रहा है अधिकारियों को विद्यालय में भोजन न बनने की लगातार सूचना दी जा रही है। क्या सच है यह तो जिम्मेदारों को ही पता होगा। अब देखना है कि मामले को लेकर जिम्मेदार अधिकारी कौन सी कारवाई करते हैं।

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