अवैध खनन में लगे ट्रैक्टर चालक रुपेश की मौत के रहस्य के कई सवालों का जबाब पुलिस के पास नहीं

सुनीत मिश्रा
बाराबंकी संदेश महल
उत्तर प्रदेश के जनपद बाराबंकी में अवैध खनन में लगे ट्रैक्टर चालक रुपेश की मौत के रहस्य के कई सवालों का जबाब थाना मोहम्मदपुर खाला पुलिस के पास नहीं है। पीएम रिपोर्ट आने के बाद रुपेश के मौत की गुत्थी सुलझती नहीं उलझती प्रतीत हो रही है।

गौरतलब हो कि रुपेश की मौत पीएम रिपोर्ट में पसलियों के टूटने व दम घुटने से मौत होना पाया गया है।ऐसी दशा में परिजनों के साथ ग्रामीणों में एक चर्चा का विषय बना हुआ है कि अगर हादसा था तो फिर ट्रैक्टर से मिट्टी हटाने के साथ उस पर मेंथा का जंगरा (पुआल) आखिर किसने डाला और उसकी मंशा क्या थी। घटना पर यदि एक नजर डालते हैं तो थाना क्षेत्र के रायपुर गांव के निकट सड़क की पुलिया के समीप सड़क के किनारे खड्डे में मिट्टी की ट्रैक्टर ट्राली के नीचे चालक दबा पड़ा ग्रामीणों ने देखा था।रविवार के भोर में किसी की सूचना पर जब ढकवा पंचायत के राजेश यादव घटनास्थल पर पहुंच तो उन्होंने चलाक की पहचान अपने भाई रूपेश यादव (30) के रूप में की थी।इतना ही नहीं परिजनों ने हत्या कर साक्ष्य मिटाने का आरोप लगाते हुए शव को सड़क पर रखकर ग्रामीणों के साथ प्रदर्शन भी किया था। इसके बाद पुलिस ने ट्रैक्टर मालिक समेत दो के खिलाफ हत्या करने व साक्ष्य मिटाने की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया था। लेकिन जैसे ही पीएम रिपोर्ट को देखा तो पुलिस के सुर बदल गए।पुलिस पुरानी कहानी पर फिर लौट आई।रविवार को ग्रामीणों के प्रदर्शन के बाद हत्या का मुकदमा लिखने वाली पुलिस पीएम रिपोर्ट आने के बाद पुनः हादसे
की कहानी पर वापस आ गई। पीएम रिपोर्ट में रूपेश की मौत सीने सहित शरीर पर कई स्थानों में गंभीर चोटे होने के साथ पांच पसलियां टूटने का जिक्र है। वहीं दम घुटने की बात भी लिखी है।ऐसे में पुलिस का कहना है कि मिट्टी में अधिक देर दबने से दम घुट गया होगा। इस संबंध में एसएचओ अनिल कुमार सिंह ने बताया कि हादसे के चलते टैक्टर चालक रूपेश की मौत हुई थी।अभी तक ऐसा कोई भी साक्ष्य नही मिला। जिससे उसके हत्या की पुष्टी हो सके। कई सवालों का पुलिस के पास जवाब नहीं है।रात को टैक्टर चालक रूपेश यादव को ट्रैक्टर मालिक बबलू वर्मा ने फोन कर बुलाया था। रूपेश ने घर पर भी मिट्टी छोड़कर आने की बात कहकर निकला था। अब ऐसे में सवाल उठता है कि बबलू वर्मा सुबह तक ट्रैक्टर नहीं पहुंचा तो इसे लेकर कतई नहीं चिंतित था। उसने पता करने का भी प्रयास नहीं किया। वहीं ग्रामीणों का कहना है कि अगर हादसा था तो फिर मौके पर ट्रैक्टर ट्राली की मिट्टी हटाने के लिए कौन पहुंचा। इतना ही नहीं ट्रैक्टर ट्राली में मिट्टी हटाने का प्रयास करने के साथ साथ किसने मेंथा जलने के अवशेष को टैक्टर ट्राली में डाला।कई तरह के तमाम सवाल परिजन करते हुए अभी भी हत्या करने की बात कह रहे हैं।अब बात यदि अवैध खनन की करते हैं तो गांव बसौली खनन के मामले में हब माना जाता है। जहां से
मिट्टी माफिया मोटी कमाई करते। गांव के पास ट्रैक्टर ट्राली के निशान यह बताने के लिए काफी हैं कि अवैध खनन बिना किसी खौफ के धड़ल्ले से होता चला आ रहा है।