मोहम्मद अनस
लखीमपुर-खीरी संदेश महल
नगर पंचायत निघासन के झंडी रोड स्थित नंदीश्वर बाबा स्थान के ग्राउंड में आयोजित हुए इस कवि सम्मेलन में नामी-गिरामी कवियों ने अपनी रचनाओं से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध करते हुए मध्य रात्रि तक तालियां बजाने के लिए मजबूर कर दिया , रात्रि साढ़े नौ बजे मां सरस्वती की वाणी वंदना से शुरू हुआ कवि सम्मेलन रात्रि डेढ़ बजे तक चलता रहा।कवि सम्मेलन की गौरवशाली अध्यक्षता डाक्टर आर.एन दास ने की,कवियत्री रंजना सिंह हया की वाणी वंदना से कवि सम्मेलन की शुरुआत की,मात शारदे जरा दुलार दे मुझे एक बार नेह से निहार दे मुझे।लखनऊ से आई कवियत्री डा० शशि श्रेया ने पढ़ा सर्दियों में तुम्हारी याद है कंबल जैसी जुदा करूं तो मेरी जान निकल जाती है। सुनहरी लाल तुरंत ने पढ़ा छत टपके तो फव्वारों का मजा लेते हैं,बंद कमरे में बहारों का मजा लेते हैं मूंगफलियों को बादाम समझ खाते हैं, बेर खा कर छुहारों का मजा लेते हैं। डा०एकलाख ने पढ़ा मुफलिसी के सबब इतने फाके हुए रोटियों के हमें रूवाब आने लगे।बसर हरगावीं ने पढ़ा आग होती में होता हूं शकर होती है जिंदगी अपनी मिठाई में बसर होती है। प्रशांत पाण्डेय ने पढ़ा हमारे वेदना का स्वर तुम अपने चाव से ले लो। जो उम्मीदों से चलती है तुम ऐसी नाव से लेलो,नहीं कोठी नहीं बंगला नहीं कुछ चाहिए हमको फसल है रक्त से सींची इसे बस भाव ले लो।काविश रूदौलवी ने पढ़ा हम हों दुःखी तो हमको हंसाती बेटियां,सोया हुआ नसीब जगाती हैं बेटियां। इसके साथ संदीप मोहन, आलोक गंजरहा, राहुल ने काव्यपाठ किया। कार्यक्रम जबरदस्त संचालन नीरज पाण्डेय ने किया। वहीं नीरज पाण्डेय अपने कविता पाठ के दौरान ओज की रचनाएं पढ़कर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध किया।श्री राम लीला मेला निघासन में कवि सम्मेलन के साथ साथ पत्रकार बंधुओं के सम्मान समारोह का भी आयोजन हुआ जिसमें क्षेत्र के सभी कलमकार बंधुओं ने अपनी सहभागिता निभाई।इस अवसर पर अशोक चौबिया, योगेन्द्र शाक्य, शिवकुमार विश्वकर्मा, प्रमोद गुप्ता, जसपाल सिंह “पल्ला”मनोज गुप्ता , आनंद चतुर्वेदी, मोहित मौर्या,शिवा यादव सहित क्षेत्र के सैकड़ों संभ्रांत लोग उपस्थित रहे।