रिपोर्ट- जेपी रावत/ सूर्य प्रकाश मिश्र
सीतापुर संदेश महल समाचार
नैमिषारण्य से शुरू हुई 84 कोसी परिक्रमा अपने आठवें पड़ाव पर जरिगवां पहुंच गई। मड़रुवा से साधु संत राम नाम का जयकारा लगाते हुए पड़ाव पर पहुंचे। वहां पहुंचकर विभिन्न तीर्थ स्थलों पर पूजा अर्चना की। उसके बाद भक्ति में लीन हो गए। देश-विदेश से आए तमाम साधु संत विभिन्न रूपों में दिखाई दिए।

अगले वर्ष जरिगवां में नहीं रुकेंगे श्रद्धालु
परिक्रमा समिति के अध्यक्ष महंत भरत दास काफी आक्रोशित दिखाई दिए। जिन्होंने प्रशासन पर आरोप लगाते हुए कहा कि द्वारा मेले में सुविधाएं उपलब्ध न होने से महंत ने कहा, जरिगवां पड़ाव पर मेला रुकने के लिए जमीन की कमी है। भक्तों को रुकने के लिए जमीन भी मुहैया नहीं हो पा रही है। अगले वर्ष परिक्रमा यहां न रुककर सीधे कोरौना में पड़ाव डालेंगे। मेला सचिव संतोष दास खाकी ने कहा कि मेले में पेयजल की व्यवस्था बहुत ही खराब है। जब तक हमारा हरदोई जिले में मेला रहा, वहां पेयजल की व्यवस्था अच्छी रही। किंतु सीतापुर में पेयजल व्यवस्था ठीक नहीं है।

84 कोषी परिक्रमा महात्म्य और जरिगवां पड़ाव
जरिगवां पड़ाव में प्रसिद्ध सिद्धेश्वर बाबा महादेव का मंदिर है। इसके संबंध में मान्यता है कि भगवान राम 14 वर्ष के वनवास पर गए थे, उस दौरान नैमिषारण्य गये थे। रास्ते में यहीं पर जल गिर गया था, जिस पर गांव का नाम जरिगवां हो गया। यहां कुछ दिन रुककर भोले बाबा की स्थापना करके पूजा पाठ किया था। फिर दर्शन के लिए नैमिष चले गए थे।उसी मान्यता के अनुसार आज भी मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम द्वारा स्थापित सिद्धेश्वर महादेव मंदिर में दर्शन के लिए श्रद्धालु आते हैं।
जरिगवां पड़ाव पर सिद्धेश्वर बाबा मंदिर में भोलेनाथ के दर्शन, विष्णु आश्रम में भोले बाबा के दर्शन, मेला मैदान में संकट मोचन हनुमान जी महाराज का मंदिर, कुनेरा में कैलाश तीरथ आदि तीर्थ स्थान इस पड़ाव के मुख्य स्थान हैं।
परिक्रमा मेले में साधु संतों के विविध रूप दिखाई दिए। देवानंद सरस्वती फर्रुखाबाद जनपद के रहने वाले है। जिन्होंने बताया कि पांच साल से परिक्रमा कर रहे हैं। इस परिक्रमा का पौराणिक महत्व है। यहां पर आकर बहुत ही प्रसन्नता होती है।
84 करोड़ देवी-देवताओं के दर्शन करके पुण्य मिलता है। कांता दास अयोध्या जनपद से चलकर इस परिक्रमा में आए है। वह छह साल से परिक्रमा कर रहे है। कांता दास का कहना है मेले में रोजाना नए-नए पड़ाव पर पहुंचकर बहुत ही अच्छा लगता है। भगवान की इस परिक्रमा पर महिमा अपार है। चांदपुर सूरजपुर में विष्णु जी के आश्रम में धूमधाम से भंडारे का आयोजन हुआ। इसमें चना, हलवा, पूड़ी व चाय आदि का प्रसाद वितरण किया गया। भोजन उपरांत साधु-संतों को दक्षिणा भी दी गई।
बंगाल से आए बाबा अपने वहां की प्रसिद्ध मिठाई वितरित कर रहे थे।

लोकेंद्र सिंह एवं सत्यवान भदौरिया ग्राम कोतर ब्लाक पोरसा तहसील अम्भा जनपद मुरैना मध्यप्रदेश।पहली बार परिक्रमा कर रहे हैं इन लोगों ने बताया बहुत ही अच्छा अनुभव प्रतीत हो रहा है ऐसा लग रहा है भगवान श्री रामचंद्र माता सीता जी हम सबके साथ में हैं। बोल कड़ाकड सीताराम, रामा दल बाबा की जय-जयकार करते हुए श्रद्धालु काफी खुश दिखाई दिए। गजानन परिक्रमा में आकर्षण का केंद्र रहे।