परिषदीय विद्यालय ऐलिया में बच्चों से लगवाई जा रही झाड़ू-वीडियो वायरल जिम्मेदार कर रहे लीपापोती

 

रिपोर्ट
जेपी रावत/अनुज कुमार शुक्ला
सीतापुर संदेश महल समाचार

परिषदीय स्कूलों में लाख कोशिशों के बावजूद व्यवस्थाएं सुधरने का नाम नहीं ले रही हैं। शासन स्तर से इन स्कूलों में व्यवस्थाओं को लेकर पैसा पानी की तरह बहाया जाता है। लेकिन स्थिति जस की तस है। कभी स्कूलों में बच्चाें से शौचालय साफ करवाया जाता है तो कभी झाड़ू लगवाई जाती है,तो कभी शिक्षिकाएं मोबाइल में व्यस्त रहती हैं। एक बार फिर जनपद सीतापुर के शिक्षा क्षेत्र ऐलिया के स्कूल का ऐसा ही मामला सामने आया है, जिसमें काफी छोटे बच्चों से स्कूल में झाड़ू लगवाई जा रही है।

विद्यालय में बालिका लगा रही झाड़ू

प्राथमिक विद्यालयों की स्थिति सुधारने के लिए प्रदेश सरकार छात्रों को ड्रेस बैग और पुस्तक निशुल्क दे रही है। मगर शिक्षक छात्रों को पुस्तक की जगह सफाई कराने को झाडू़ थमा देते हैं। शिकायत पर अधिकारी लीपापोती करने में माहिर है। इसी कारण परिषदीय स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार नहीं आ पा रहा है।जहां नौनिहाल सुबह सवेरे विद्यालय में किताब की जगह झाड़ू लगाते नजर आ रहे है।अब झाड़ू लगाने का वीडियो वायरल होने से हड़कंप मचा हुआ है। मामले को लेकर लोगों में आक्रोश है।आरोप है कि विद्यालय स्टाफ अपनी मनमानी करता है,प्रत्येक दिन बच्चों से ही झाड़ू लगवाते हैं।

संदेश महल द्वारा खण्ड  शिक्षा अधिकारी ऐलिया से बात चीत के अंश

इस संबंध में जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी सीतापुर से बात की गई तो उन्होंने बताया अभी मुझे कोई जानकारी नही हुई हैं। हमने विडियो नही देखा हैं आप मेरे पे भी विडियो डालो जिम्मेदारों पे कार्यवाही की जायेगी।खण्ड शिक्षा अधिकारी ऐलिया से जब बात की गई तो उन्होंने बताया कि वहाँ के प्रधानाध्यापक ऑडिट के लिए आये थे। किसी बच्चों से झाड़ू लगाने के लिए कहा नही गया लेकिन ये गलत है और वाइरल वीडियो आज का ही है।सबसे अहम पहलू यह है कि संदेश महल समाचार पत्र प्रतिनिधि द्वारा जब विद्यालय में बच्चों द्वारा लगाई जा रही झाड़ू-वीडियो वायरल के संबंध में बात की गई तो खंड शिक्षा अधिकारी ऐलिया ने प्रधानाध्यापक ऑडिट के लिए आने की बात को स्वीकार करते हुए यह भी कहा कि वायरल वीडियो आज की ही है।

वहीं दूसरी तरफ वायरल वीडियो में यह साफ जाहिर हो रहा है कि मैडम विद्यालय में ही है और उनका मोबाइल बज रहा है जिसमें एक महोदय द्वारा यह भी कहा जा रहा है कि फोन कट गया।कौन सही कौन ग़लत यह तो नहीं पता किन्तु परिषदीय विद्यालयों की हकीकत किसी से छिपी नहीं है। अब देखना है कि जिम्मेदार अधिकारी आखिर कौन सी कारवाई करते हैं।

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