संदेश महल की पड़ताल गुरुजी आते हैं 11बजे चलें जाते हैं,डेढ़ बजे

 

रिपोर्ट
ठाकुर प्रसाद
पिसावा सीतापुर संदेश महल समाचार

विद्यालयों में क्रियान्वित व्यवस्थाए चरचरा गई हैं।ऐसी परिस्थितियों मे जिन विद्यालयों में शिक्षक नही है। अथवा अनुपात के अनुसार कम है। वहाँ की व्यवस्थाओं को बनाने हेतु जिम्मेदार अधिकारीयों को नजर अंदाज न कर दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई की जानी चाहिए। किंतु सीतापुर के शिक्षा क्षेत्र पिसावा विकास खंड में शिक्षकों की मनमानी घरजानी है,जब चाहे तब विद्यालय आओ और जब भी इच्छा हो तो चले जाओ। यहां पर अधिकारियों की ऐसे शिक्षकों के विरुद्ध कार्रवाई ढाक के तीन पात जैसी साबित हो रही है। यदि किसी ने उच्चाधिकारियों से शिकायत कर भी दी तो वहीं पुराना रटा रटाया अलाप जारी कर दी गई है,कारण बताओ नोटिस? मामला तूल पकड़ा तो कार्यवाही के नाम पर सिर्फ आख्या तक ही सीमित रह रहा। वाह रे शिक्षा व्यवस्था?
शिक्षा व्यवस्था की तय तमाम शिकायतों के बाद संदेश महल समाचार पत्र टीम ने जब पड़ताल की तो कुछ माजरे इस तरह से खुल कर सामने आए।
संदेश महल पड़ताल की रिपोर्ट- प्राथमिक विद्यालय हसनापुर द्वितीय

विद्यालय में बच्चे झाड़ू लगाते हुए देखे गए इस संबंध में जब विद्यालय प्रबंधन से बात की गई तो वह भी न नुकीर करते नजर आए।

विद्यालय में बच्चों को मिलने वाले भोजन की भी धज्जियां उड़ाई जा रही है। बच्चे कुछ कहते है और छात्र

क्या कहते हैं स्थानीय लोग

विजेंद्र सिंह ने बताया कि विद्यालय में अध्यापक नही आते है और आते है तो कहीं 10 बजे तो किसी दिन 11बजे और चले भी जल्दी जाते है वैसे 1 से 2 बजे तक विद्यालय बंद ही हो जाता हैं इससे स्थानीय लोगों ने अपने बच्चों के प्रति काफी चिंतित हैं।
इस संबंध में खण्ड शिक्षा अधिकारी पिसवा से बात की गई तो उन्होंने बताया कि जानकारी मिली हैं कार्यवाही की जायेगी।

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