रिपोर्ट
रामकुमार मौर्य
बाराबंकी संदेश महल समाचार
देश के पांच राज्यों में विधानसभा चुनावों की तारीखों का ऐलान होते ही प्रदेश में आदर्श आचार संहिता भी लागू हो चुकी है।चुनाव आयोग ने उत्तर प्रदेश, पंजाब, उत्तराखंड,गोवा और मणिपुर विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया है। चुनाव आयोग की ओर से जारी की गई तारीखों के अनुसार,उत्तर प्रदेश में सात चरण में और बाकी राज्यों में एक-एक चरण में चुनाव होंगे। पहले चरण का चुनाव 10 फरवरी और आखिरी चरण का चुनाव 7 मार्च को है। चुनाव की तारीखों के ऐलान के साथ ही पांचों राज्यों में आदर्श आचार संहिता भी लागू हो गई है।
आईए जानते हैं,आदर्श आचार संहिता क्या होती है?
आदर्श आचार संहिता राजनैतिक पार्टियों और चुनाव प्रत्याशियों के मार्गदर्शन के लिए तय किए गए कुछ नियम होते हैं,जिसका चुनाव के दौरान पालन किया जाना आवश्यक होता है। चुनाव आयोग की ओर से दी गई परिभाषा के अनुसार,आदर्श आचार संहिता राजनैतिक दलों और अभ्यर्थियों के मार्गदर्शन के लिए निर्धारित किए गए मानकों का एक ऐसा समूह है जिसे राजनैतिक दलों की सहमति से तैयार किया गया है।आम भाषा में समझें तो आचार संहिता लागू होने के बाद नेताओं और मौजूदा जनप्रतिनिधियों पर कुछ पाबंदियां लग जाती है।लोक सभा चुनाव के दौरान यह पूरे देश में जबकि विधानसभा चुनाव के दौरान प्रदेश में लागू हो जाती है। आचार संहिता में निर्धारित किया जाता है कि राजनीतिक दलों, निर्वाचन लड़ने वाले अभ्यथियों और सत्ताधारी दल को निर्वाचन प्रक्रिया के दौरान कैसा व्यवहार करना चाहिए। इसमें बैठकें आयोजित करने, रैली, जुलूस, मतदान दिवस की गतिविधियां, सत्ताधारी दल के कामकाज से जुड़े नियम होते हैं।
कब लागू होती है आदर्श आचार संहिता?
आदर्श आचार संहिता को भारत निर्वाचन आयोग द्वारा निर्वाचन अनुसूची की घोषणा की तारीख से लागू किया जाता है और यह निर्वाचन प्रक्रिया के पूर्ण होने तक लगी रहती है।
चुनाव की घोषणा होते ही होटलों,पान की दुकानों मुख्य चौराहों पर लोग चुनाव संबंधी चर्चा करने लगे है। क्षेत्रीय जनता का कहना है की चुनाव आयोग द्वारा आचार संहिता लागू कर दी गई है। लेकिन राजनैतिक पार्टियों द्वारा अपने उम्मीदवारों की सूची नहीं जारी की है।वैसे क्षेत्र में सभी पार्टियों के नेतागण अपनी अपनी पार्टी को जिताने के लिए एड़ी चोटी से जोर लगाए हुए हैं।प्रतिनिधि क्षेत्र में जाकर जनता से अपनी दावेदारी बताते हैं और मतदाताओं से मिलकर पक्ष में वोट देने के लिए ऐड़ी से चोटी तक जोर लगा रहे हैं। यह कार्यक्रम महीनों से चल रहा है।उम्मीदवार अपने अपने विधानसभा क्षेत्र में पार्टी के कार्यालय भी खोल दिए हैं। कार्यकर्ताओं को एकत्र कर गाड़ियों द्वारा क्षेत्र का भ्रमण कर रहे हैं।आचार संहिता लागू होते ही क्षेत्र में पार्टियों की लगी होल्डिंग बैनर पोस्टर आदि हटाने का कार्य शुरू हो गया है। इन होल्डिंग को सबसे ज्यादा स्थानीय लोग ही उतार रहे हैं।