मथुरा जिला कारागार में हुई गैंगवार के सभी 14 आरोपी बरी

 

रिपोर्ट
प्रताप सिंह
मथुरा संदेश महल समाचार

जनपद मथुरा के जिला कारागार में 17 जनवरी 2015 को हुई गैंगवार के सभी 14 आरोपि यों को एडीजे प्रथम अनिल कुमार पांडे की कोर्ट ने पर्याप्त साक्ष्य ना होने पर बरी कर दिया. जिला कारागार में हुई गैंगवार में आगरा का कुख्यात अपराधी अक्षय सोलंकी मारा गया था, जबकि राजेश टोटा समेत तीन लोग घायल हुए थे. उसी रात उपचार के लिए पुलिस अभिरक्षा में आगरा ले जाते समय राजेश टोटा की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. गैंगवार मामले में जेल पुलिस के सिपाही सहित 15 लोगों के खिलाफ नामजद रिपोर्ट दर्ज हुई थी.
दरअसल 17 जनवरी 2015 को मथुरा जिला कारागार में दीपक मीणा और राजेश टोटा गैंग में फायरिंग हुई थी .इस गैंगवार में राजेश टोटा ,संजू और राजकुमार शर्मा घायल हुए थे, जबकि गोली लगने से अक्षय सोलंकी की मौके पर ही मौत हो गई थी .उसी रात उपचार के लिए पुलिस अभिरक्षा में आगरा ले जाते समय राजेश टोटा की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कुख्यात बदमाश मेरठ के रहने वाले बृजेश मावी कि 10 सितंबर 2014 को हाथरस के रहने वाले राजेश टोटा ने अपने निर्माणाधीन मकान में योजना बनाकर हत्या कर दी थी. बृजेश मावी हत्याकांड में राजेश टोयटा ,लॉरेंस राजकुमार शर्मा ,राजू ,गुड्डन, ओमप्रकाश, नईम, संजू ,गोपाल शर्मा जेल में निरुद्ध थे, जिस समय यह जेल में बंद थे ,उसी समय जेल के अंदर कुख्यात अपराधी अक्षय सोलंकी, दीपक वर्मा, दीपक मीणा, विमल भी जेल में थे. 17 जनवरी 2015 को जेल में दीपक मीणा और राजेश टोटा गैंग में फायरिंग शुरू हो गई .इसी दौरान राजेश टोटा संजू और राजकुमार शर्मा घायल हो गए, जबकि गोली लगने से अक्षय सोलंकी की मौके पर ही मौत हो गई थी. इसी मामले में आज फैसला सुनाया गया है. अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम अनिल कुमार पांडे की अदालत मामले में फैसला सुनाया है.
जानकारी देते हुए जिला शासकीय अधिवक्ता सूर्य वीर सिंह ने बताया कि 17 जनवरी 2015 को जिला कारागार मथुरा में गैंगवार हुआ था दो गुटों में .इस घटना में अक्षय सोलंकी की मौके पर ही मौत हो गई थी और जो राजेश टोटा घायल हुआ था उसको इलाज के लिए ले जाते समय उसकी बदमाशों ने हत्या कर दी थी, उसका मामला अलग दर्ज किया गया था .अक्षय सोलंकी के मर्डर का ट्रायल हो रहा था. जेल के जितने भी पुलिसकर्मी थे जो जेल का स्टाफ था उसमें सभी पक्ष बिरोही हो गए थे, केवल सिविल पुलिस ने ही गवाही दी थी .माननीय न्यायालय ने गुण दोष के आधार पर सभी अभियुक्तों को दोषमुक्त कर दिया है. सभी 14 मुजरिम दोषमुक्त हुए हैं।

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