लकड़ी माफियाओं के गठजोड के चलते गांजरी क्षेत्र की धरती से मिटायी जा रही हरियाली

 

रिपोर्ट/-
अमरेन्द्र कुमार मिश्र
सकरन सीतापुर संदेश महल समाचार

सकरन क्षेत्र में वन विभाग व लकडी माफियाओं के गठजोड के चलते गांजरी क्षेत्र की हरी भरी धरती से मिटायी जा रही हरियाली जिम्मेदार सब कुछ जानते हुये भी बने है अनजान शिकायतों के बाद भी नही होती कार्यवाही।जनपद के गांजरी इलाके के सकरन थाना क्षेत्र में इस समय हरियाली पर खुलेआम आरा चलाया जा रहा है वन कर्मियों व क्षेत्रीय लकडी ठेकेदारों की मिली भगत के चलते हर रोज सैकडों प्रतिबंधित पेंडों का कटान बगैर परमिट के खुलेआम किया जा रहा है और इलाके की लकड़ी ठेकी गुलजार होती नजर आ रही है सकरन क्षेत्र के गांवों में प्रति दिन सैकडों की संख्या में प्रतिबंधित प्रजाति के आम,शीशम,गूलर,जामुन,नीम,पाकड आदि पेंडों का कटान बगैर परमिट के इलाके के ठेकेदारों द्वारा कराया जा रहा है एक लकडी ठेकेदार महेश कुमार ने सकरन कस्बे में नैया नदी के किनारे अबैध संचालित लकड़ी ठेकी डाले हुए हैं जो आये दिन प्रतिबंधित लकड़ी खरीद कर अपनी ठेकी पर डाल कर शासन को चूना लगाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे है बन विभाग की लचर कार्यप्रणाली से लकडकट्टो के हौसले बुलंद होते नजर आ रहे हैं इस सम्बन्ध की जानकारी पर पत्रकारों को हुई तो उन्होंने वन दरोगा प्रदुमन तिवारी से बात गती तो वन दरोगा मौके पर तो पहुंचे लेकिन तीन पेड़ अबैध संचालित लकड़ी ठेकी पर पड़े थे तब भी दो पेड़ों पर जुर्माना कर के मामले को रफा दफा कर दिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार क्षेत्र में हो रहे प्रतिबंधित पेंड कटान में वीट में तैनात वन रक्षक अनिरूद्ध वर्मा,तथा वन माली बुधराम भार्गव द्वारा प्रतिबंधित प्रजाति के पेंडों पर बीस प्रतिशत तथा छूट प्रजाति के पेंडों पर दस प्रतिशत कमीशन लिया जाता है उक्त दोनो वन कर्मी पैसा लेकर बगैर परमिट के लकडी ठेकेदारों को पेंड काटने की अनुमति दे देते है इस तरह की बहुत सूचनाओं पर अवैध पेंड कटान की सूचना व शिकायत के बाद भी विभागीय अधिकारी कार्यवाही तो दूर मौके तक आना गवांरा नही समझते एक ओर प्रदेश सरकार पर्यावरण को बढावा देने के लिये लिये तरह तरह के श्लोगन “बृक्ष धरा का भूषण है करते दूर प्रदूषण है ” आदि लिखवाकर अधिक पेंड लगाने पर बल दे रही है दूसरी ओर सरकार के ही नुमाइंदे हरी भरी इस धरती से हरियाली मिटाने पर अमादा है अगर समय रहते इस ओर ध्यान नही दिया गया तो जल्द ही गांजर की हरी भरी यह धरती मरूस्थल नजर आने लगेगी।

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