ओडीएफ घोषित पंचायत की हकीकत बनाम शौचालय का सच

रिपोर्ट
उमेश बंसल
लखीमपुर-खीरी संदेश महल समाचार

उत्तर प्रदेश के जिला लखीमपुर-खीरी विकास खंड विजुआ अंतर्गत ग्राम पंचायत मलूकापुर कलाअभिलेखों में शत प्रतिशत ओडीएफ घोषित है पर हकीकत में हालात इसके विपरीत हैं जो स्वच्छ भारत,अभियान की पोल खोलने के लिए काफी हैं। यहां या तो शौचालय बने नहीं हैं, बने हैं तो उनमें लकड़ियां उपले भरे हुए है। लाभार्थियों का आरोप है कि उन्हें शासन से मिलने वाली राशि देने के बजाय सिर्फ कागजों पर हस्ताक्षर करा लिए गए। ऐसे में निर्धारित राशि न मिलने से वह शौचालयों को पूरा नहीं करवा सके हैं। शौचालय में ईंधन तथा अन्य कबाड़ भरा हुआ है,अधिकांश लोगों कहना है कि प्रधान ने ठेके पर आधा-अधूरा शौचालय बनवाया है, इसका प्रयोग नहीं किया जा सका है।रामभजन के घर में बनाए गए शौचालय में सीट ही नहीं हैं, दरबाजे के पल्ले भी नदारद हैं। रामभजन ने बताया कि प्रधान से साढ़े चार हजार रुपये मिले थे, उससे जितना बन सकता था शौचालय बना। एक दिन भी शौचालय का प्रयोग नहीं कर पाए, घर के सभी सदस्य बाहर खुले में शौच जाते हैं।
रिक्खी सोनी ने बताया कि प्रधान ने पांच हजार रुपये दिये थे, उसी से आधा-अधूरा शौचालय बना है।हमारे पास ग्राम पंचायत के बहुत सारे कार्य हैं। लोगों की समस्याओं का समाधान भी करना है। शौचालयों की हालत के बारे में ब्लॉक के अधिकारियों से बेहतर जानकारी मिल सकती है। उन पर लगाए आरोप गलत हैं।
ग्राम विकास अधिकारी मलूकापुर कलां का कहना है कि तीन महीने पहले ही ग्राम पंचायत में ज्वाइन किया है। यहां पहले राजेंद्र कुमार ग्राम विकास अधिकारी थे, उन्हीं के कार्यकाल में शौचालयों का निर्माण हुआ था।