बलिया के खूनी संघर्ष में डीआईजी व एडीजी ने मौका-ए-वारदात का लिया जायजा

रिपोर्ट
जेपी रावत
बलिया संदेश महल समाचार

जिला बलिया में हुए हत्याकांड पर कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े हो रहे हैं। मामले में मुख्य आरोपी धीरेंद्र प्रताप सिंह के भाई देवेंद्र प्रताप सिंह और नरेंद्र प्रताप सिंह को गिरफ्तार कर लिया गया है। दोनों आरोपी नामजद थे।धीरेंद्र सहित छह अन्य नामजद और बीस अज्ञात आरोपी फरार हैं।

गौरतलब हो कि जिले के रेवती थाना क्षेत्र के दुर्जनपुर गांव के पंचायत भवन परिसर में टेंट लगाकर हनुमानगंज और दुर्जनपुर की सस्ते गल्ले की दुकानों के चयन को लेकर खुली बैठक आयोजित की जा रही थी। दुकान चयन को लेकर चार महिला समूहों ने आवेदन किया था। दुर्जनपुर की दुकान के लिए मां शायर जगदंबा और शिव शक्ति स्वयं सहायता समूह के बीच मतदान की स्थिति उत्पन्न हो गई।
मौके की नज़ाकत को समझते हुए एसडीएम सुरेश कुमार पाल,सीओ चंद्रकेश सिंह और थानाध्यक्ष प्रवीण कुमार सिंह ने यह तय किया कि जिसके पास आधार कार्ड अथवा अन्य कोई पहचान पत्र होगा, वही वोट कर पाएगा। सहमति के पश्चात एक पक्ष के लोग आधार कार्ड लेकर आए थे। दूसरे पक्ष के लोगों के पास पहचान पत्र नहीं थे। इसी बात को लेकर दोनों पक्षों में हंगामा शुरू हो गया। स्थिति बिगड़ते देख बीडीओ बैरिया गजेंद्र प्रताप सिंह ने बैठक की कार्यवाही स्थगित कर दी। किंतु दोनों पक्षों में तनातनी शुरू हो गई। और प्रशासन के विरोध में नारेबाजी शुरू हो गई। और कुछ ही पलों में ईंट-पत्थर चलने लगे।

मौका-ए-वारदात पर मौजूद प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार,धीरेंद्र ने फायरिंग झोंक दी। जिसमें दुर्जनपुर निवासी जयप्रकाश पाल45 वर्ष को चार गोलियां लगीं। लोगों ने आनन-फानन में घायल जयप्रकाश को सीएचसी सोनबरसा पहुंचाया लेकिन रास्ते में ही मौत हो गई।
ईंट पत्थर लाठी डंडे चलने के दौरान नरेंद्र सिंह45 वर्ष,आराधना सिंह 45 वर्ष, आशा सिंह 40 वर्ष, राजेंद्र सिंह 45 वर्ष,अजय सिंह 50 वर्ष,धर्मेंद्र सिंह 40 वर्ष गंभीर रूप से घायल हुए।
एसडीएम,सीओ के अलावा मौके पर मौजूद 11 पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है। इस मामले में धीरेंद्र समेत आठ नामजद और 25 अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया।


डीआईजी आजमगढ़ सुभाषचंद दुबे ने बताया कि सभी आरोपियों पर 75-75 हजार रुपये का इनाम घोषित किया गया है। एनएसए,गुंडा एक्ट और गैंगेस्टर के तहत भी कार्रवाई होगी। आरोपियों की संपत्ति भी जब्त की जाएगी। किसी तरह का कोई दबाव बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। डीआईजी ने कहा कि वे बलिया में ही कैंप करेंगे। 24 घंटे में परिणाम सामने आएगा।
कमिश्नर विजय विश्वास पंत और डीआईजी दुर्जनपुर पहुंचे और पीड़ित परिवार से बात की। सुबह एडीजी वाराणसी ब्रजभूषण भी गांव पहुंचे। डीएम-एसपी की मौजूदगी में मृतक जयप्रकाश पाल का कड़ी सुरक्षा के बीच पखरूखिया गंगा घाट पर अंतिम संस्कार किया गया। इस बीच, सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मृतक जयप्रकाश पाल के परिजनों से फोन पर बात की। उन्हें हरसंभव मदद का भरोसा दिया।
खूनी संघर्ष के मुख्य आरोपी धीरेंद्र प्रताप सिंह ने एक वीडियो वायरल कर खुद को निर्दोष बताया है। आखिर गोली नहीं चलाई तो जयप्रकाश पाल की मौत किसकी गोली से हुई सवाल घटना के खुलासे का इंतजार कर रहा है।