महुली पुलिस की कारगुजारी से दहशतजदा पीड़ित का परिवार

रिपोर्ट–घनश्याम त्रिपाठी
संतकबीरनगर,संदेश महल समाचार

महुली थाना क्षेत्र के मुखलिसपुर बाजार में 6 मई शुक्रवार की शाम दो युवकों पर हुए जानलेवा हमले के मामले में पुलिस ने आरोपियों के पक्ष में खड़े होकर प्रदेश सरकार के जीरो टॉलरेंस नीति पर पानी फेर दिया है। अस्पताल में जिंदगी और मौत से जूझ रहे युवकों को ही पुलिस ने बलि का बकरा बना दिया। पीड़ित के परिजनों ने आरोप लगाया कि 22,000 लूटने के आरोपियों के गिरेबान तक पुलिस के हाथ भले ही नहीं पहुंचे लेकिन इस मामले में दर्ज डकैती के केस को गलत बताते हुए पुलिस ने विवेचना के दौरान हटा दिया और उल्टा पीड़ित पर ही डकैती तथा अन्य गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कर दिया।
धनघटा थाना क्षेत्र के गोपी पुर गांव निवासी 22 वर्षीय शुभम अपने मित्र के साथ 6 मई शुक्रवार की शाम मुखलिसपुर बाजार में डाटा केबल खरीदने के लिए गए थे उसी दौरान मुखलिसपुर निवासी सात, आठ लोगों ने गोलबंद होकर हॉकी तथा लोहे की रॉड लेकर दोनों युवकों पर जानलेवा हमला कर दिया और एक युवक की तब तक पिटाई करते रहे जब तक वह अचेत होकर गिर नहीं गया। बाजार में खड़े लोग केवल तमाशा देखते रहे लेकिन किसी ने बीच बचाव करने की कोशिश नहीं की। जान बचाने के लिए दोनों युवक एक दुकान में भागे लेकिन हमलावरों ने उनका पीछा नहीं छोड़ा और तब तक मारते रहे जब तक वह गिर नहीं गया शुभम को मरा हुआ समझकर हमलावर वहां से फरार हो गए। दुकान में लगा सीसीटीवी कैमरा हमलावरों के जघन्य अपराध का प्रमाण दे रहा है। लेकिन पीड़ित द्वारा चिल्ला चिल्ला के कहने के बावजूद भी पुलिस ने सीसीटीवी कैमरा देखना मुनासिब नहीं समझा। पुलिस ने शुभम के तहरीर पर जहां एनसीआर दर्ज कर अपने कर्तव्यों का पालन कर लिया वहीं घटना के 5 दिन बाद 31 मई को कल्याण यादव की तहरीर पर पुलिस जानलेवा हमला और डकैती समेत मारपीट की कई धाराओं में पीड़ित युवकों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कर दिया। पुलिस की इस कार्यवाही से पीड़ित परिवार के लोग दहशत में है उनका कहना है कि निर्दोष युवकों को मारपीट कर गंभीर रूप से घायल करने वाले अपराधी प्रवृति के लोग खुलेआम घूम रहे हैं जिन लोगों ने युवकों पर प्राणघातक हमला किया उन लोगों के विरुद्ध धनघटा और महुली थाने में कई मुकदमे दर्ज हैं पुलिस यदि निष्पक्षता के साथ कार्यवाही करें तो इन आरोपियों को सलाखों के पीछे पहुंचने में देर नहीं लगेगी। लेकिन महुली पुलिस अज्ञात दबाव में आकर आरोपियों को बचाने में जी जान से लग गई है। बाजार वासियों और पीड़ितों को यह उम्मीद थी कि पुलिस इन मन बढ़ो को अवश्य सबक सिखाएगी लेकिन घटना के 4 दिन बाद मामला उल्टा पड़ गया।महुली पुलिस ने मानवता को तार-तार करते हुए कानून का दुरुपयोग करके इंसानियत की धज्जियां उड़ा दी। पुलिस के इस कुकृत्य से थाना क्षेत्र के लोगों में दहशत का माहौल है।

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