मेंहदी से मौत तक जाने खुशी का सफर 25 वें दिन शव बरामद रिस्तो ने रची मौत की साज़िश

जेपी रावत
बाराबंकी संदेश महल समाचार

2 मई को विवाह 4 को मायके वापस 6 को हत्या 25 वें दिन शव बरामद

माता-पिता व मामा की ओर से हत्या कर नहर में फेंके गए युवती का शव 25 दिन बाद जहांगीराबाद थाना क्षेत्र से बरामद हुआ है। परिजनों ने कपड़ों से पहचान की है। हालांकि, पुलिस ने फिर भी डीएनए जांच कराने की तैयारी शुरु कर दी है।मामले में माता-पिता व मामा जेल भेजे जा चुके हैं।
फतेहपुुुर कोतवाली क्षेत्र के काजीपुरवा गांव की खुशी का विवाह दो मई का हुआ था। खुशी दूसरे युवक से प्यार करती थी। दो दिन बाद ही वह ससुराल से भाग आई थी और छह मई को लापता हो गई थी। मां ने अपने बुआ के लड़के उपेंद्र पर अपहरण का केस दर्ज कराया था। छानबीन के दौरान दो दिन पहले बुधवार को पुलिस ने खुशी के पिता शिवकुमार, मां गुड़िया व मामा उपेंद्र को गिरफ्तार कर चौंकाने वाला खुलासा किया।
पुलिस ने बताया कि छह मई को माता-पिता व रिश्ते में मामा उपेंद्र ने ही खुशी की हत्या कर शव को देवा कोतवाली क्षेत्र से निकली नहर में फेंक दिया था। पुलिस नहर में खुशी का शव खोज रही थी। शुक्रवार को जहांगीराबाद थाना क्षेत्र के फतेहसराय गांव के पास रेलवे क्राॅसिंग के नीचे से गुजरी नहर में युवती का शव मिला। सूचना मिलने के बाद खुशी के सगे मामा व अन्य लोगों ने जींस पैंट व अन्य कपड़ों के आधार पर उसकी पहचान खुशी के रूप में कर ली। जहांगीराबाद के एसएचओ विनोद यादव ने बताया कि पुलिस डीएनए जांच कराएगी, ताकि पुष्टि हो सके कि शव खुशी का ही था।

मेंहदी से मौत तक खुशी का सफर

कोतवाली फतेहपुर के काजीपुर गांव निवासी शिवकुमार की पुत्री खुशी का कोतवाली नगर के उत्तर टोला बंकी निवासी अमित शर्मा से प्रेम प्रसंग था। अमित से उसकी 2022 में अपने फुफेरे मामा उपेंद्र निवासी बंकी की शादी में मुलाकात हुई थी। खुशी के पिता व माता गुड़िया ने दो मई 2023 को उसका विवाह सीतापुर के रामपुर मथुरा थाना के परमगोंडा निवासी सत्यनाम से कर दिया। शादी के दूसरे दिन ही खुशी ने अपने पति को प्रेमी के बारे में बताकर साथ रहने से इन्कार कर दिया और चार मई को मायके लौट आई। घर में ससुराल पक्ष से विवाद और वहां न जाने की बात कही। उसकी मां ने दामाद व उसके परिवारजन से बात की और पांच मई को दबाव देकर खुशी को ससुराल भेज दिया। नाराज खुशी ने वहां हंगामा किया और पुलिस बुलाकर तमाम आरोप लगा डाले, जिसके बाद उसे मायके भेज दिया गया।

मां ने रचा बेटी की मौत की साजिश

छह मई की शाम खुशी की मां गुड़िया ने बंकी निवासी अपने बुआ के बेटे उपेंद्र को बुलाया जो साथी शिवराज के साथ बाइक से काजीपुर पहुंचा। खुशी के प्रेमी अमित शर्मा को भी काजीपुर खुशी को ले जाने के लिए बुलाया, लेकिन सुबह आने की बात कहकर वह नहीं गया। इसी बीच मां-बाप ने खुशी व अमित की हत्या की साजिश रच डाली। खुशी से कहा गया कि देर रात उपेंद्र और शिवराज बाइक से उसे बंकी में अमित के पास छोड़ देंगे। खुशी को बाइक से लेकर दोनों देवा में मामा नहर पुलिया से सद्दीपुर जाने वाली सड़क पर करीब दो किमी दूर मलूकपुर मोड़ पहुंचे और मुंह दबाकर हत्या कर शव को नहर में फेंक दिया। यह सूचना मिलने के बाद मां गुड़िया ने उसके प्रेमी अमित को भी मारने को कहा लेकिन उपेंद्र ने इन्कार कर दिया। इसके बाद गुड़िया ने उपेंद्र पर खुशी को मारकर नहर में फेंकने का आरोप लगाते हुए मुकदमा दर्ज करवा दिया था।

मृतका के शव की तलाश में जब जुटी पुलिस

जब पुलिस ने उपेंद्र को दबोचा तो आनर किलिंग का पूरा खेल खुल गया। माता-पिता व मामा को पुलिस जेल भेज चुकी है जबकि शिवराज को तलाशा जा रहा है। मुकदमे के विवेचक सुधीर यादव ने बताया कि आरोपियों ने हत्या की बात स्वीकार की थी।

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