एंबुलेंस गाड़ियों की भी चेकिंग होना चाहिए चेकिंग

रामकुमार मौर्य
बाराबंकी संदेश महल
अन्य वाहनों की भांति नीली, लाल लगी बत्ती वाली गाड़ियां तथा एंबुलेंस की गाड़ियां की भी चेकिंग होना चाहिए। क्योंकि इन गाड़ियों द्वारा भी अपराध को बढ़ावा मिलता है। क्योंकि इन गाड़ियों को कोई भी सक्षम अधिकारी रोक कर चेक नहीं करता है ।जबकि बहुत से अपराधी किस्म के व्यक्ति पुलिस से बचने के लिए लाल, नीली बत्ती लगाकर सड़कों पर फर्राटा भरते रहते हैं। मौका मिलते ही वारदात कर देते हैं ।कोई जान भी नहीं पता है। जिन अधिकारियों को इसका पावर मिला है, वे लोग तो वाहनों में बत्ती लगाकर चल सकते हैं। लेकिन उनकी आड़ में जो अपराधी किस्म के लोग ऐसे वाहनों का प्रयोग करते हैं, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए ।इसी प्रकार एंबुलेंस की गाड़ियां भी बत्ती लगाकर इधर से उधर आती जाती रहती हैं। बहुत सी गाड़ियां दूसरे देश से भी भारत देश में आती हैं ।इन सभी गाड़ियों को समय-समय पर चेक करना चाहिए ।जिससे अपराध को रोका जा सके ।इसके लिए पुलिस विभाग, स्वास्थ्य विभाग व आरटीओ विभाग के अधिकारी गण टीम बनाकर सामूहिक रूप से अपने-अपने क्षेत्र में आने वाली एंबुलेंस की गाड़ियों को चेक करते रहें। क्योंकि इन गाड़ियों में फिटनेस व ड्राइवर के सभी कागजात जरूर चेक करने चाहिए तथा यह गाड़ी मरीज लेकर किस अस्पताल से कहां के लिए जा रही है। इस संबंध में भी चेक करना चाहिए ।जिससे लोगों को इसका भय व्याप्त हो और क्षेत्र में अपराध की ओर कोई भी व्यक्ति कदम न बढ़ा सके ।जब वहां पर चेक करने के लिए सभी विभागों के अधिकारी होंगे तो कार्य बहुत ही अच्छी तरह से संपन्न होगा ।अपराध करने वाले लोग भयभीत होंगे तथा क्षेत्र में अपराध का ग्राफ गिरेगा। लोग अपराध करने से डरेंगे।

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