रिपोर्ट
उमेश बंसल
लखीमपुर-खीरी संदेश महल समाचार
देवकली तीर्थ स्थित स्वर्गीय श्रीमती चंद्रकला आश्रम संस्कृत विद्यापीठ के संचालक पंडित प्रमोद कुमार दीक्षित ने बताया कि दिवाली प्रदोष एवं रात्रि व्यामिनी अमावस्या तिथि में शनिवार को मनाई जाएगी। इस दिन लक्ष्मी पूजन का विशेष महत्व है। इस बार पूजन के लिए तीन शुभ मुहूर्त हैं। मगर, पूजन के लिए प्रदोष काल सबसे उत्तम है।
दोपहर में स्थिर कुंभ लग्न 12.44 से 2.16 बजे तक।
सर्वोत्तम वृष लग्न शाम 5.23 से 7.20 बजे तक (प्रदोष काल)
महानिशा स्थिर सिंह लग्न में रात 11.51 से 02.05 बजे तक।
गोवर्धन पूजा मुहूर्त
दिवाली के दूसरे दिन यानि रविवार को गोवर्धन पूजा होगी। पूजन दोपहर 3.26 से 5.33 बजे तक करना विशेष फलदायी रहेेगा।
भैयादूज पूजन
भैयादूज पर्व सोमवार को मनाया जाएगा। पूजन के लिए शुभ मुहूर्त दोपहर 1.17 से 3.25 बजे तक हैं। इसी दिन चित्रगुप्त, कलम दवात की पूजा होगी।
पुराणों के अनुसार कार्तिक अमावस्या की अंधेरी रात में महालक्ष्मी स्वयं भूलोक पर आती हैं। और हर घर में विचरण करती हैं। मान्यता है कि विचरण के दौरान जो घर हर प्रकार से स्वच्छ और प्रकाशवान होता है, वहां वे अंश रूप में ठहर जाती हैं। इसलिए दीपावली पर साफ-सफाई करके विधि विधान से पूजन करने से माता महालक्ष्मी की विशेष कृपा होती है। लक्ष्मी पूजा के साथ-साथ भगवान कुबेर की भी पूजा की जाती है।
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