पिसावा/सीतापुर संदेश महल।कस्बे में स्थित बाबू सिंह इंटर कालेज के समीप जय मड़ैया बाबा सेवा समिति के स्थानीय कलाकारों द्वारा नारद मोह लीला के साथ रामलीला का शुभारंभ किया गया। इस दौरान कलाकारों ने मंचन में दिखाया कि
एक बार नारद मुनि को कामदेव पर विजय प्राप्त करने के कारण अहंकार आ गया। अहंकार से ग्रस्त नारद मुनि भगवान विष्णु के पास जाकर कामदेव को जीतने की बात बताते हुए अपनी प्रशंसा करने लगे। तब भगवान विष्णु ने नारद मुनि के अहंकार को तोड़ने के लिए माया रची। बैकुंठ से लौटते समय नारद मुनि ने एक सुंदर नगर के भव्य महल में एक अति रूपवती राजकुमारी को देखा और उसपर मोहित हो गए। राजकुमारी से विवाह की इच्छा लिए वे भगवान विष्णु के पास पहुंचे और उनसे खुद को सुंदर और आकर्षक बनाने की विनती करने लगे। तब भगवान विष्णु ने कहा हम वही करेंगे जो आपके लिए कल्याणकारी होगा। भगवान विष्णु ने ऐसा कहकर नारद जी का मुंह बंदर जैसा बना दिया। खुद के रूप से अनजान नारद मुनि राजकुमारी से विवाह करने उसके महल पहुंचे जहां और भी राजकुमार राजकुमारी से विवाह के लिए आए हुए थे। वहां भरी सभा में सब नारद मुनि का बंदर वाला चेहरा देखकर हसीं उड़ाने लगे और राजकुमारी ने भी नारद मुनि को छोड़ एक अति सुंदर राजकुमार का रूप धरे भगवान विष्णु के गले में जयमाला डाल दी। तब नारद मुनि ने अपना मुख जल में देखा तब अपना मुख बंदर जैसा देख उनको भगवान विष्णु पर बहुत क्रोध आया। और वे बैकुंठ पहुंचे वहां भगवान विष्णु के साथ वही राजकुमारी बैठी हुई थी। तब क्रोधित होकर नारद मुनि ने भगवान विष्णु को श्राप दिया कि आपकी वजह से मेरा मजाक बना इसलिए मैं आपको श्राप देता हूं कि आप धरती पर मनुष्य के रूप में जन्म लेंगे। और आपको बंदरों की सहायता की जरूरत पड़ेगी। जिस तरह मुझे स्त्री के वियोग में रोना पड़ा है। आप भी स्त्री वियोग में रोयेंगे।