जब जब प्रथ्वी पर धर्म की हानि होती है और अधर्म का बोलबाला होता है तब भगवान अवतार लेते हैं

 

हिमांशु यादव
मैनपुरी संदेश महल समाचार
जनपद मैनपुरी बिछवां विकासखण्ड सुल्तानगंज क्षेत्र के गांव सिमरई में चल रही श्रीमद्भागवत कथा के पांचवें दिन कथा वाचक व्रजविहारी महाराज ने बताया कि भगवान अवतार क्यों लेते हैं। जब जब प्रथ्वी पर धर्म की हानि होती है और अधर्म का बोलबाला होता है तब तब भगवान श्री नारायण कभी क्रष्ण रुप में, कभी राम रुप में तो कभी हरि रुप में अवतार लेकर धर्म की स्थापना करते हैं और अधर्म का नाश करते हैं। उन्होंने ने कथा में आगे बताया कि जब मथुरा क्षेत्र में कंस का दुराचार और आतंक पूरी तरह फैल गया तब प्रथ्वी कांप उठी फिर भगवान श्री नारायण ने श्री क्रष्ण का रुप धारण करके कंस का वध किया और प्रथ्वी पर जितने भी पापी थे सबका नाश करके भगवान ने पुनः धर्म की स्थापना की। उन्होंने गौ, गीता और गंगा पर प्रकाश डालते हुए बताया कि गौ माता की पूजा करने से, गौ माता की सेवा करने से विहारी जी प्रसन्न होते हैं और मनोकामनाएं पूरी करते हैं। पर आज गौ माता पर हो रहे अत्याचार को देखते हुए उन्होंने कहा कि प्रत्येक भारतीय नागरिक का ये कर्तव्य है कि तन, मन, धन से जितना बन सके गौ माता की सेवा करनी चाहिए। इस अवसर पर नीरज चौहान,नीलम चौहान, वीरेन्द्र सिंह राठौर, मुन्नी देवी, सत्यपाल सिंह, राजकुमार, राजीव सिंह, विमल सिंह, दिनेश सिंह चौहान, योगेश सिंह, रामवीर सिंह राकेश सिंह,अभय छुटकू तोमर केशव सिंह प्रशांत तोमर गोविन्द आदि लोग मौजूद रहे आदि लोग मौजूद रहे।

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