बाराबंकी संदेश महल
इंस्पेक्टर ने प्रमोशन पाने के लिए स्वघोषणा पत्र में गलत जानकारी अंकित कर प्रोन्नति पा ली। पुलिस उपमहानिरीक्षक स्थापना के आदेश पर पुलिस अधीक्षक द्वारा कराई जांच में फर्जीवाड़ा पकड़ में आया। उच्चाधिकारियों के आदेश पर नगर कोतवाली में आरोपी इंस्पेक्टर के खिलाफ गम्भीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है।बाराबंकी में डिस्ट्रिक्ट कंट्रोल रूम ब्यूरो यानी डीसीआरबी में तैनात पुलिस इंस्पेक्टर अंगद प्रताप सिंह के खिलाफ साल 1999 में कानपुर नगर के कर्नलगंज थाने में डकैती जैसी गम्भीर धाराओं में मुकदमा दर्ज हुआ था। उसके बाद कोर्ट में इनके विरुद्ध चार्जशीट भी दाखिल की गई थी। न्यायालय में मुकदमा विचाराधीन होने के बावजूद अंगद प्रताप ने वर्ष 2015-16 में प्रोन्नति के समय स्वघोषणा पत्र भरकर पुलिस अधीक्षक फतेहपुर को दिया था। इसमें मुकदमे का जिक्र नहीं किया गया और दारोगा से इंस्पेक्टर पद पर प्रोन्नति प्राप्त कर ली थी।
मामले की जानकारी हुई तो पुलिस उपमहानिरीक्षक स्थापना, लखनऊ ने 22 अगस्त 2024 को पत्र लिखकर पुलिस अधीक्षक बाराबंकी को प्रकरण की जांच कराए जाने के निर्देश दिए गए।पुलिस अधीक्षक बाराबंकी ने सीओ सदर हर्षित चौहान से मामले की जांच कराई तो आरोप सत्य पाए गए। जांच रिपोर्ट में निकलकर आया कि अंगद प्रताप सिंह के विरुद्ध कर्नलगंज थाने में डकैती और भ्र्ष्टाचार निवारण अधिनियम का मुकदमा दर्ज है। जिसमें 02 अक्टूबर 2002 को इनके विरुद्ध चार्जशीट भी कोर्ट में दाखिल की जा चुकी है।बावजूद इसके वर्ष 2016 में अंगद प्रताप सिंह ने पदोन्नति के समय जनपद फतेहपुर में भरकर दिए गए स्वघोषणा पत्र में इस तथ्य को छिपाया। जांच में दोषी पाए जाने पर उच्चाधिकारियों के आदेश पर पुलिस कार्यालय की प्रधान लिपिक एसआई मीना भाटिया की तहरीर पर नगर कोतवाली में मुकदमा दर्ज किया गया है।नगर कोतवाल आलोक मणि त्रिपाठी ने बताया कि मुकदमा दर्ज कर आवश्यक कार्यवाही की जा रही है।