रिपोर्ट
पंकज शाक्य
मैनपुरी संदेश महल समाचार
कोर्ट ने एक हजार का लगाया जुर्माना
जनपद मैनपुरी में गलत उपचार करके साक्ष्यों के अभाव में बरी हुआ झोलाछाप डॉक्टर सजा से नहीं बच सका। इससे पहले उसे साक्ष्यों के अभाव में दोषमुक्त कर दिया गया था। लेकिन मेडिकल एक्ट की धारा में तलब करके न्यायालय ने उसे दोषी ही नहीं माना बल्कि उसके अपराध को सजा के योग्य पाया। बुधवार को एडीजे-6 शक्ति सिंह ने आरोपी को एक साल की सजा सुनाई और उस पर एक हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया। न्यायालय का फैसला आने के बाद आरोपी को जेल भेज दिया गया है। झोलाछाप को इस तरह के मामले में सजा अपने आप में पहला मामला है। पीड़ित परिवार ने सजा का फैसला आने के बाद कहा कि न्याय की जीत हुई है।
बताते चलें कि पूरा मामला जनपद मैनपुरी के थाना कुरावली क्षेत्र के गांव जमलापुर निवासी ओमेंद्र सिंह पुत्र आशाराम ने अपनी पुत्री का उपचार झोलाछाप रवलेश उर्फ टीटी पुत्र रामहेतु सिंह से कराया। उसके गलत उपचार से बच्ची की मौत हो गई थी। ओमेंद्र की शिकायत पर कुरावली पुलिस ने मुकदमा दर्ज नहीं किया और न ही मृतका के शव का पोस्टमार्टम कराया। बाद में पीड़ित ने न्यायालय में शिकायती पत्र दिया तो कुरावली पुलिस ने आरोपी के खिलाफ 22 दिसंबर 2015 को आईपीसी की धारा 304, 506 के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया। चूंकि पोस्टमार्टम नहीं हुआ था और इन धाराओं के साक्ष्य नहीं मिल पाए जिसके चलते आरोपी न्यायालय से बरी हो गया। लेकिन एडीजीसी पुष्पेंद्र सिंह चौहान के शिकायती पत्र पर एडीजे शक्ति सिंह ने आरोपी को फिर से तलब कर लिया और मेडिकल एक्ट की धारा के तहत पंजीकृत न होने के बाद भी उपचार करने का दोषी पाया। बीते दिन न्यायालय ने आरोपी को एक वर्ष के कारावास की सजा सुनाई और एक हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया। एडीजीसी पुष्पेंद्र सिंह ने इस मामले की पैरवी की।