हरदोई, संवाददाता संदेश महल
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मंगलवार को हरदोई जिले के माधौगंज स्थित ऐतिहासिक रुइयागढ़ी स्मारक पहुंचे। यहाँ उन्होंने स्वतंत्रता संग्राम सेनानी राजा नरपत सिंह रैकवार के विजय दिवस समारोह में हिस्सा लिया और उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने जिले को 650 करोड़ रुपये की 729 विकास परियोजनाओं की सौगात दी।
मुख्यमंत्री का भाषण दोपहर 12:45 बजे शुरू हुआ, जिसमें उन्होंने अपने संबोधन की शुरुआत राजा नरपत सिंह के बलिदान को याद करते हुए की। उन्होंने कहा कि “राजा नरपत सिंह जैसे वीर सेनानियों की गाथाएं हमारी प्रेरणा हैं। उनके संघर्ष के कारण ही आज हम आज़ाद भारत में सांस ले रहे हैं।
विकास योजनाओं का जिक्र, कानून-व्यवस्था पर बड़ा बयान
सीएम योगी ने कहा कि राज्य सरकार बिना भेदभाव के विकास की योजनाओं को आगे बढ़ा रही है। “पहले के शासन में अराजकता और रोजगार का अभाव था। अब हर गांव और शहर में योजनाओं का लाभ पहुँच रहा है,” उन्होंने कहा।
वहीं दूसरी ओर उन्होंने कानून-व्यवस्था के मुद्दे पर तीखा रुख अपनाया। उन्होंने कहा, “2017 से पहले उत्तर प्रदेश में हर दूसरे-तीसरे दिन दंगे होते थे। ऐसे दंगाइयों का इलाज सिर्फ डंडा है, बातों से नहीं मानते।”
बंगाल हिंसा पर विपक्ष को घेरा
मुख्यमंत्री ने पश्चिम बंगाल में हो रही हिंसा पर भी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, “बंगाल जल रहा है और वहां की मुख्यमंत्री चुप हैं। दंगाइयों को शांति दूत बताया जा रहा है। कांग्रेस, समाजवादी पार्टी और तृणमूल कांग्रेस मौन हैं। अगर किसी को बांग्लादेश पसंद है, तो वह वहीं चला जाए।
वक्फ संपत्तियों पर सरकार का रुख साफ
मुख्यमंत्री योगी ने वक्फ संशोधन अधिनियम का समर्थन करते हुए कहा कि अब वक्फ की जमीनों पर कोई अवैध कब्जा नहीं करेगा। “इन जमीनों पर अस्पताल, स्कूल, विश्वविद्यालय और गरीबों के लिए मकान बनेंगे। लूट और गुंडागर्दी का अब अंत होगा,उन्होंने कहा।
भाजपा नेताओं की रही मौजूदगी, भारी जनसमूह उमड़ा

मुख्यमंत्री के साथ मंच पर परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह, मंत्री रजनी तिवारी और मंत्री नितिन अग्रवाल सहित जिले के दोनों सांसद, विधायक और भाजपा जिलाध्यक्ष उपस्थित रहे। जनसभा में 50 हजार से अधिक लोगों की उपस्थिति रही।
मुख्यमंत्री का यह दौरा न केवल विकास परियोजनाओं की दृष्टि से महत्वपूर्ण रहा, बल्कि राजनीतिक दृष्टिकोण से भी अहम माना जा रहा है। रुइयागढ़ी स्मारक पर इस ऐतिहासिक कार्यक्रम ने जिले के गौरवशाली अतीत को एक बार फिर जीवंत कर दिया।