. गणतंत्र दिवस

 

गणतंत्र दिवस

संदेश महल समाचार पत्र परिवार की ओर से देश पर कुर्बान हुए शहीदों को शत् शत् नमन

सन् 1950 को भारत सरकार अधिनियम (एक्ट) (1935) को हटाकर भारत का संविधान लागू किया गया था। एक स्वतन्त्र गणराज्य बनने और देश में कानून का राज स्थापित्य करने के लिए संविधान को 26 नवम्बर 1949 को भारतीय संविधान सभा द्वारा अपनाया गया और 26 जनवरी 1950 को इसे एक लोकतान्त्रिक सरकार प्रणाली के साथ लागू किया गया था। 26 जनवरी को इसलिए चुना गया था क्योंकि 1930 में इसी दिन भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (आई० एन० सी०) ने भारत को पूर्ण स्वराज घोषित किया था। यह भारत के तीन राष्ट्रीय अवकाशों में से एक है, अन्य दो स्‍वतन्त्रता दिवस और गांधी जयंती हैं।

देश पर कुर्बान हुये शहीदों पर श्रद्धा सुमन चढ़ाते हुए, इस महान पर्व पर देशवासियों को संदेश महल समाचार पत्र परिवार की ओर से शत् शत् नमन।
संपादक

              मत घबराओ, वीर जवानों

मत घबराओ, वीर जवानों
वह दिन भी आ जाएगा।
जब भारत का बच्चा बच्चा देशभक्त बन जाएगा।।
कोई वीर अभिमन्यु बनकर ,
चक्रव्यू को तोड़ेगा
कोई वीर भगत सिंह बनकर अंग्रेजो के सिर फोढेगा।।
धीर धरो तुम वीर जवानों ,
मत घबराओ वीर जवानों
वह दिन भी आ जायेगा
जब भारत का बच्चा बच्चा देशभक्त बन जाएगा।।
कलकल करती गंगा यमुना ,
जिसके गुण ये गाती हैं
भारत की इस पुण्य धरा में,
अपना गुंजार सुनती हैं।।
आज तिरंगे के रंगों को फीका नहीं होने देगे
इस तिरंगे की शान के लिए ,
अपना सर्वस्व लूटा देगे।।
अब मत घबराओ वीर शहीदों ,
मत घबराओ वीर जवानों
वह दिन भी आ जायेगा ,
जब भारत का बच्चा बच्चा देशभक्त बन जाएगा।।
वीर अमर शहीदों की कुर्बानी को,
कोई भुला ना पाएगा
जब आत्याचार बढ़ेगा धरती पर,
एक महापुरुष आ जायेगा
मत घबराओ वीर जवानों
जब भारत का बच्चा बच्चा देशभक्त बन जाएगा।

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