ओस की बूंद सी नाजुक शबनम सलीम के लिए बनी पत्थरदिल एक साथ चढ़ेंगे सूली

रिपोर्ट
जेपी रावत
संदेश महल समाचार

मोहब्बत करना गुनाह नहीं पर मोहब्बत के लिए जो गुनाह शबनम-सलीम कर बैठे उसे जानकर आपकी रूह कांप जाएगी।आखिर शबनम सलीम के लिए कैसे बनी पत्थर दिल,जाने आगे का माजरा?

उत्तर प्रदेश के जिला अमरोहा की शबनम और प्रेमी सलीम एक साथ फांसी पर लटकाए जाएंगे।भारत को आजादी मिलने के बाद देश में पहली बार किसी महिला अपराधी को फांसी की सजा दी जाएगी। इसके लिए मथुरा की जेल में तैयारियां भी शुरू हो गई हैं।मथुरा स्थित उत्तर प्रदेश के इकलौते फांसी घर में अमरोहा की रहने वाली शबनम को फांसी पर लटकाया जाएगा। इसके लिए मथुरा जेल में तैयारियां भी शुरू हो गई हैं। निर्भया के दोषियों को फंदे से लटकाने वाले पवन जल्लाद अब तक दो बार फांसी घर का निरीक्षण भी कर चुके हैं।

गौरतलब हो कि सर्वोच्च न्यायालय से पुनर्विचार याचिका खारिज होने के बाद अब हत्या के आरोप में बंद शबनम की फांसी की सजा को राष्ट्रपति ने भी बरकरार रखा है, ऐसे में अब उसका फांसी पर लटकना तय हो गया है। मथुरा जेल में महिला फांसीघर में शबनम की फांसी की तैयारी भी शुरू हो गई है। डेथ वारंट जारी होते ही शबनम को फांसी दे दी जाएगी।
मथुरा जिला कारागार में जल्लाद पवन को तख्ता लीवर में कुछ कमी दिखी, जिसे प्रशासन ठीक करवा रहा है। शबनम को फांसी पर लटकाने के लिए बिहार के बक्सर से रस्सी मंगवाई जा रही है ताकि किसी तरह अड़चन पैदा न हो।

अब जाने अपराध ऐसा कि कांप उठे रूह

बताते चलें कि अमरोहा जिले के हसनपुर क्षेत्र के गांव बावनखेड़ी के शिक्षक शौकत अली की इकलौती बेटी शबनम के सलीम के साथ प्रेम संबंधों की पैगें बढ़ी और यह मोहब्बत कुछ ही समय बीतने के बाद सिर चढ़करकर बोलने लगी। किंतु बात करते हैं शबनम की तो सूफी परिवार की शबनम ने अंग्रेजी और भूगोल में एमए किया था। वहीं सलीम पांचवीं फेल था। और पेशे से एक मजदूर था। इसी कारण दोनों की मोहब्बत के बीच परिजन विरोध कर रहे थे।

14 अप्रैल, 2008 की रात शबनम अपने प्रेमी के साथ मिलकर ऐसा खूनी खेल खेला कि सुनकर पूरा देश हिल गया था। शबनम ने अपने माता-पिता और 10 माह के भतीजे समेत परिवार के सात लोगों को बेहोशी की दवा खिलाकर कुल्हाड़ी से काटकर मौत के घाट उतार दिया।

शबनम हत्या करने के बाद रोना-चीखना शुरू कर दिया। आसपास के  लोग पहुंचे,तो हालात देखकर दंग रह गए। खून से लथपथ सात लाशें पड़ीं थीं।25 साल की शबनम जीवित बची थी। आधी रात को हुए इस सनसनी खेज हत्याकांड से पुलिस प्रशासन में हड़कंप में मच गया। शबनम ने पुलिस को बताया कि उसके घर में लुटेरे घुसे और पूरे परिवार की हत्या कर दी। वह बाथरूम थी, इसलिए बच गई।
शबनम और सलीम पर ऐसे कसा शिकंजा
पुलिस ने लूट के एंगल से जांच की, लेकिन कोई सबूत हाथ नहीं लगा। इसके बाद पुलिस ने घटनास्थल पर ध्यान दिया, तो कई सवाल सामने आए। मरने वालों ने खुद को बचाने की कोशिश नहीं की? लूटपाट के कोई सबूत नहीं मिले? इस बीच पोस्टमॉर्टम की रिपोर्ट ने सबको चौंका दिया। रिपोर्ट के मुताबिक, मृतकों को मारने से पहले कोई दवा खिलाकर बेहोश किया गया था।
पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के बाद पुलिस के शक की सुई शबनम पर घूम गई। शबनम की कॉल डिटेल निकाली गई, जिससे पता चला कि हत्या की रात शबनम की एक ही नंबर पर कई बार बात हुई।बाद में पुलिस को शबनम के गर्भवती होने का पता चला। शबनम शादी-शुदा नहीं थी, इसलिए इस हत्याकांड में पुलिस को यह जानकारी बेहद अहम लगी। इसके बाद पुलिस ने शबनम से कड़ी पूछताछ शुरू की। आखिरकार शबनम टूट गई और उसने अपना गुनाह कबूल कर लिया।
सलीम की निशानदेही पर बरामद की कुल्हाड़ी
इसके बाद, पुलिस ने सलीम को भी दबोच लिया और बाद में उसने अपना जुर्म कबूल कर लिया। सलीम की निशानदेही पर कत्ल में इस्तेमाल की गई कुल्हाड़ी भी पुलिस ने बरामद कर ली।
मोहब्बत करना गुनाह नहीं पर मोहब्बत के लिए जो गुनाह शबनम-सलीम कर बैठे वो दिल दहलाने वाला है।
फांसी की तैयारियों के बीच ये सवाल भी हमेशा गूंजता रहेगा कि ओस की बूंद  सी नाजुक शबनम कैसे पत्थरदिल होकर अपने ही परिवार को यों खत्म कर बैठी?
मथुरा के जिला कारागार में करीब 150 साल पहले फांसी घर बनाया गया था, लेकिन आजादी के बाद से अब तक देश में किसी भी महिला को फांसी नहीं दी गई है। यह उत्तर प्रदेश का अकेला महिला फांसी घर है। अभी फांसी की तारीख मुकर्रर नहीं हुई है।

 

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