मानवीय संवेदनाओं को तोड़ रहे शिक्षक जाने आखिर क्या है माजरा

रिपोर्ट
शकुल कुमार
पिसावा सीतापुर संदेश महल समाचार

भारतीय मान्यताओं के अनुसार शिक्षक का स्थान भगवान से भी ऊँचा माना जाता है। शिक्षक ही हमें सही या गलत के मार्ग का चयन करना सिखाता है।
इस बात को कुछ ऐसे प्रदर्शित किया गया है-

गुरु:ब्रह्मा गुरुर् विष्णु: गुरु: देवो महेश्वर: गुरु:साक्षात् परम् ब्रह्म तस्मै श्री गुरुवे नम:।

कबीर कहते हैं गुरु गोविंद दोऊ खड़े काके लागू पांय बलिहारि गुरु आपनो गोविंद दियो बताय।

शिक्षक आम तौर से समाज को बुराई से बचाता है और लोगों को एक सर्वश्रेष्ठ व्यक्ति बनाने का प्रयास करता है।शिक्षक शिष्य का सच्चा पथ प्रदर्शक है। यदि कुछ सवालों को पूछने पर शिक्षक ही मानवीय संवेदनाओं को तोड़ कर आमादा मारपीट पर उतारू हो जाए तो आप लोग कौन सी संज्ञा देंगे इसका चयन आप स्वयं कर सकते हैं।

वाक्या उस समय का है जब एक समाचार पत्र प्रतिनिधि उत्तर प्रदेश के जिला सीतापुर शिक्षा क्षेत्र पिसावा ब्लॉक के सिविलियन विद्यालय कपसा कला पहुंचता है तो वहां का नजारा ही कुछ और दिखता है। प्रतिनिधि के गेट पर पहुँचते ही प्रधानाध्यापक रमेश का पहला सवाल
तुम कौन हो कहां से आये हो
प्रतिनिधि ने अपना परिचय दिया
परिचय मिलते ही प्रधानाध्यापक एवं सहायक अध्यापक सुधीर का पारा सातवें आसमान पर पहुंच गया। और एक ही लय में धमकी भी दे डाली यहाँ से चले जाईये तुम्हारे जैसे पत्रकार यहाँ रोज आते हैं और हम उन्हें भगा देते हैं। और प्रतिनिधि से मारपीट पर उतारू हो जाते हैं।यह है इनकी मनोदशा। सिविलियन विद्यालय कपसा कला ने तो हद ही कायम कर दी।आप भी शिक्षा विभाग को एक बार फिर से कोसते नजर आएंगे। स्थानीय लोगों से बातचीत के दौरान इनकी हकीकत पर लोगों की जुबानी से आप भी दंग रह जाएंगे। यहां पर तो अंधेर नगरी की कहावत चरितार्थ हो रही है।

 

error: Content is protected !!