सिद्ध धाम भूरीनाथ मंदिर पर मानस पाठ के साथ विशाल भंडारे का किया गया आयोजन

 

रिपोर्ट
सूर्य प्रकाश मिश्र
सीतापुर संदेश महल समाचार

महाशिवरात्रि पर्व ज्ञान के प्राकट्य एवं कल्याण के उद्भव का पर्व है। इस दिन भगवान शिव का दिव्य अवतरण हुआ। तुलसीदास जी रामचरित मानस में लिखते हैं।

‘भवानी शंकरौ वंदे श्रद्धा विश्वास रुपिणौ। याश्यां विना न पश्यन्ति सिद्धा: स्वान्त:स्थमीश्वरम्।

मैं श्रद्धा और विश्वास के प्रतिरूप भगवान भवानी शंकर की वंदना करता हूं,जिनकी कृपा के बगैर सिद्धों,ऋषियों, मुनियों को हृदय में ईश्वर के दर्शन नहीं होते। भगवान राम स्वयं कहते हैं कि भगवान शिव की कृपा के बिना मेरी प्राप्ति संभव नहीं है।

प्रसाद ग्रहण करते भक्त

मान्यता है कि सृष्टि के आरंभ में शिवरात्रि को मध्य रात्रि भगवान शंकर का ब्रह्मा से रुद्र के रूप में अवतरण हुआ था। प्रलय की वेला में इसी दिन प्रदोष के समय भगवान शिव तांडव करते हुए ब्रह्मांड को तीसरे नेत्र की ज्वाला से समाप्त कर देते हैं इसलिए इसे महाशिवरात्रि अथवा कालरात्रि कहा जाता है।इसी पावन बेला पर जनपद सीतापुर के परसौली मिश्रित तीर्थ स्थिति सिद्ध धाम श्री भूरीनाथ महादेव मन्दिर न्यास ट्रस्ट द्वारा महाशिवरात्रि पर श्रीरामचरितमानस पाठ के साथ विशाल भंडारे का आयोजन किया गया।

सिद्ध धाम श्री भूरीनाथ मंदिर परिसर में लगा वट वृक्ष

ट्रस्ट के संरक्षक सत्य प्रकाश त्रिपाठी ,अध्यक्ष अरुण त्रिपाठी ,सचिव दयाशंकर अवस्थी ,उपाध्यक्ष आशीष कुमार शुक्ला ,कोषाध्यक्ष वरुण त्रिपाठी सदस्य गण कैलाश नाथ वैश्य ,आयुष त्रिपाठी ,पंकज अवस्थी ,पत्रकार आलोक शुक्ला ,अभिषेक सिंह विशंभर यादव का सहयोग सराहनीय रहा।इस मौके पर सैकड़ों लोगों ने प्रसाद ग्रहण किया।आयोजक मंडल ने उपस्थित सभी लोगों का आभार व्यक्त किया।

 

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