सेक्‍स की भूख बढ़ाने के लिए सोन चिरैया का शिकार,कर रहे राजकुमार

रिपोर्ट – शैलेश शुक्ला

पाकिस्‍तान में इन दिनों सऊदी अरब और संयुक्‍त अरब अमीरात के राजकुमार और शाही परिवार के सदस्‍य प्रतिबंधित हुबॉरा पक्षियों का श‍िकार कर रहे हैं। पाकिस्‍तान की इमरान खान सरकार इन पक्षियों के शिकार से खजाना भरने में जुटी हुई है।

सोन चिरैया पक्षी

पाकिस्‍तान के हुबॉरा या सोन चिरैया पक्षी एक बार फिर से चर्चा में हैं। इन बेजुबानों के शिकार के लिए संयुक्‍त अरब अमीरात के शाही के परिवार के कई सदस्‍य पाकिस्‍तान पहुंचे हैं। पाकिस्‍तान ने सऊदी अरब के शाही परिवार को हुबॉरा पक्ष‍ियों के शिकार का न्‍यौता दिया है। हुबॉरा पक्षी अंत‍रराष्‍ट्रीय स्‍तर पर संरक्षित प्रजातियों की श्रेणी में आते हैं और इनका शिकार प्रतिबंधित है। हालांकि शिकार पर यह प्रतिबंध खाड़ी देशों सऊदी अरब और संयुक्‍त अरब अमीरात के राजकुमारों पर लागू नहीं होते हैं। ये राजकुमार अपनी सेक्‍स पावर को बढ़ाने के लिए इन बेजुबानों की हत्‍या करके उनका मांस खाते हैं। वहीं कर्ज के तले डूबा कंगाल पाकिस्‍तान सऊदी अरब और यूएई के राजकुमारों से शिकार के नाम पर मोटी-मोटी फीस वसूलकर अपना खजाना भर रहा है। आइए जानते हैं पूरी कहानी….।

पाकिस्‍तान के विदेश मंत्रालय ने दुबई के शासक शेख मोहम्‍मद बिन राशिद अल मक्‍तूम, राजकुमार और शाही परिवार के अन्‍य सदस्‍यों को साल 2020-21 के सीजन में शिकार का परमिट दिया है। सऊदी अरब के अरबों डॉलर के कर्ज के पहाड़ तले दबे पाकिस्‍तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने विवादों में घिरे प्रिंस मोहम्‍मद बिन सलमान को अपने देश में बेजुबानों की हत्‍या करने की अनुमति दी है। इमरान सरकार ने शाही परिवार से जुड़े दो अन्‍य सदस्‍यों को भी हुबारॉ पक्षियों के शिकार की स्‍वीकृति दी है। प्र‍िंस सलमान के दबाव का आलम यह है कि इमरान खान सरकार ने एक भगोड़े सऊदी प्रिंस को भी शिकार करने की अनुमति दी है जिसने पिछले साल फीस का पैसा भी नहीं दिया था।

स्‍तान में यह पहली बार नहीं है जब सोन चिरैया के शिकार के लिए खाड़ी देशों के शाही घराने को श‍िकार का न्‍यौता दिया गया है। पिछले 4 दशक से यह गुप्‍त और निजी शिकार अभियान पाकिस्‍तान में बदस्‍तूर जारी है। शिकार के लिए ये शेख बाज का इस्‍तेमाल करते हैं।

​सेक्‍स पावर बढ़ाने के लिए ये राजकुमार करते हैं श‍िकार

अरब देशों के लोग पिछले कई हजार साल से हुबॉरा पक्षियों का शिकार करते आ रहे हैं और अब भी यह सिलसिला रुकने का नाम नहीं ले रहा है। दरअसल, ऐसी मान्‍यता है कि हुबॉरा पक्षी के मांस को खाने से सेक्‍स पावर बढ़ती है और इसी वजह से सऊदी अरब, यूएई के राजकुमार इनका शिकार करने के लिए पाकिस्‍तान खिंचे चले आते हैं। सेक्‍स पावर बढ़ाने के लिए हुबॉरा पक्षियों के मांस को स्‍पेनिश मक्खियों और वियाग्रा के बीच रखा जाता है। स्‍पेनिश मक्खियों को भी सेक्‍स पावर बढ़ाने के लिए किया जाता है। हुबारा पक्षियों को लंबे समय से यौन शक्तिवर्द्धक एक दवा के रूप में प्रचारित किया जाता रहा है। यही वजह है कि खाड़ी देशों के धनी लोग बेतहाशा पैसा खर्च करके पाकिस्‍तान में श‍िकार करते हैं और अपने काम वासना को बढ़ाने की कोशिश करते हैं। हुबॉरा पक्षी दक्षिण एशिया, मध्‍य पूर्व और अफ्रीका में पाए जाते हैं। ये पक्षी ठंड से बचने के लिए पाकिस्‍तान आते हैं। कुछ पक्षी ईरान भी जाते हैं। एक अनुमान के मुताबिक 42 हजार एशियाई हुबॉरा और 22 हजार ऊत्‍तरी अफ्रीकी हुबॉरा पक्षी बचे हुए हैं।

 

​इमरान ने पीएम बनने से पहले किया था विरोध, अब दी अनुमति

सूत्रों के मुताबिक इमरान खान जब सत्‍ता में नहीं थे तब वह हुबारॉ पक्षियों के शिकार को अनुमति देने का विरोध करते थे और खैबर पख्‍तूनख्‍वा में शिकार की अनुमति नहीं दी थी जहां पर उनकी पार्टी का शासन था। हालांकि अब इमरान खान ने अपने फैसले को पलटते हुए सऊदी प्रिंस को हुबारॉ पक्षियों के शिकार की अनुमति दे दी है। डॉन ने बताया कि ताबुक प्रांत के गवर्नर प्रिंस फहद बिन सुल्‍तान को भी अनुमति दी गई है। पाकिस्‍तान के सुप्रीम कोर्ट ने वर्ष 2015 में हुबॉरा पक्षियों के शिकार पर प्रतिबंध लगा दिया था। हालांकि इस आदेश को बाद में पलट दिया गया। पाकिस्‍तान की एक अदालत ने बाज के निर्यात और हुबारॉ के शिकार पर प्रतिबंध लगा दिया था तो सऊदी अरब और यूएई के साथ उसके संबंध रसातल में चले गए थे। भारी तनाव के बाद पाकिस्‍तान सरकार झुक गई थी। हुबारॉ या तिलोर पक्षी शर्मीला लेकिन बेहद खूबसूरत होता है और आकार में टर्की चिड़िया जैसा दिखाई देता है।।

​​बेजुबानों की हत्‍या से इमरान सरकार भरती है खजाना

पाकिस्‍तान सरकार भी खाड़ी के शेखों की सेक्‍स पावर बढ़ाने की इच्‍छा का जमकर फायदा उठाती है और उनसे पैसा कमाती है। सऊदी अरब के ताबुक प्रांत के गवर्नर प्रिंस फहद बिन सुल्‍तान ने कुछ साल पहले 2000 हुबारॉ पक्षियों का शिकार किया था और दुनियाभर के मीडिया में सुर्खियों में आ गए थे। यही नहीं प्रिंस फहद ने पिछले साल हुबारॉ पक्षियों के शिकार के लिए जरूरी एक लाख डॉलर की फीस को भी पाकिस्‍तान सरकार को नहीं दिया था। यही नहीं प्रिंस फहद ने पिछले साल 60 बाज के इस्‍तेमाल के लिए जरूरी 60 हजार डॉलर की फीस को भी नहीं दिया था। हुबारॉ के शिकार के बाद प्रिंस फहद फीस द‍िए बिना ही वापस सऊदी अरब चले गए थे। प्रिंस फहद की दादागिरी का आलम यह है कि उन्‍होंने 2000 हुबारॉ पक्षियों का शिकार किया जबकि उन्हें मात्र 100 पक्षियों के शिकार की अनुमति दी गई थी। पाकिस्‍तान के बलूचिस्तान प्रांत को शिकार के हर सीज़न में कम से कम 2 अरब रुपये की कमाई होती है। खाड़ी के शेख अपना पूरा काफ‍िला लेकर आते हैं जिससे स्‍थानीय लोगों की बहुत कमाई होती है।

 

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