गांव की महिलाओं के बीच अब जाएंगी वर्दी वाली दीदी बताएंगी कानूनी अधिकार

 

रिपोर्ट
रामकुमार मौर्य
बाराबंकी संदेश महल समाचार

मिशन शक्ति अभियान को गांव-गांव तक पहुंचाने के लिए और ग्रामीण परिवेश में महिलाओं को कानूनी अधिकार बताने के लिए पहली बार 320 महिला आरक्षियों को 197 बीट बुक सौंप कर मैदान में उतारा गया है। इन महिला आरक्षियों के लिए प्रत्येक गांव के पंचायत घर में मिशन शक्ति कक्ष बनाया जाएगा। जहां पर वह महिलाओं और युवतियों की समस्या से रूबरू होंगी और उनके निराकरण के लिए उनके अधिकारों के प्रति जागरूक भी करेंगी। ये महिला आरक्षी बीट बुक पर लेखा-जोखा दर्ज कर गांव में होने वाली दिक्कतों से कैसे निजात मिले, इसकी जानकारी अपने अधिकारियों को देंगी।
ग्रामीण महिलाओं के उत्पीड़न और छेड़छाड़ की बढ़ती घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए मिशन शक्ति अभियान के तहत गांवों में उनको अपने अधिकारों के लिए जागरूक करने के साथ ही समस्या से निजात दिलाने के लिए जिले में पहली बार महिला सिपाहियों को बीट की जिम्मेदारी सौंप दी गई है।
जिले में तैनात 550 महिला कांस्टेबल में से 320 को बीट बुक देकर अब गांव-गांव जाने के लिए आदेश दे दिया गया है। 197 बीट पर तैनात की गईं पुलिसकर्मी ग्राम प्रधान से मिलकर पंचायत भवन में एक मिशन शक्ति कक्ष का नाम देकर आशा बहू, आंगनबाड़ी से लेकर प्रमुख महिलाओं के साथ बैठक करेंगी। पंचायत के रूप मेें गांव की महिला उत्पीड़न की समस्याओं पर प्रत्येक महिला और युवतियों को जागरूक करेंगी। इसको लेकर समस्त थाना प्रभारी अपने-अपने इलाकों के प्रधानों के साथ बैठक भी कर रहे है।पुलिस विभाग में अभी तक पुरुष कांस्टेबल को ही बीट की जिम्मेदारी दी गई थी। अब पहली बार महिला कांस्टेबल बीट पर उतारी गई हैं। ये अपने कार्यों में कितना सफल होंगी यह तो समय बताएगा। पर इतना जरूर है कि सरकार का यह अभियान सफल हुआ तो गांवों में होनी वाली छोटी-छोटी घटनाओं पर अंकुश तो लगेगा ही साथ ही अपने अधिकारों को जानने के लिए ग्रामीण महिलाओं और युवतियों को एक अच्छा प्लेटफार्म मिल जाएगा।सुरक्षा के गुर भी सिखाएंगी महिला सिपाही महिला कांस्टेबल गांवों की महिलाओं को शारीरिक रूप से स्वस्थ रहकर किसी भी परिस्थिति का मुकाबला करने, मानसिक रूप से विषम परिस्थिति में निपटने, समाज में उनकी बेहतर भूमिका होने के साथ ही उन्हें सुरक्षा का एहसास भी कराएंगी। महिला बीट पुलिस ऑफीसर अपनी बीट में तैनात आशा संगिनी,आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व प्राथमिक विद्यालय की शिक्षिकाओं से जागरूकता फैलाने में मदद लेंगी। बालिकाओं व महिलाओं की सुरक्षा को लेकर पुलिस सजग है। पहली बार थानों पर तैनात महिला सिपाहियों को भी बीट पुलिसिंग की जिम्मेदारी सौंपी गई है। यह महिला सिपाही गांव-गांव जाकर महिलाओं व युवतियों की समस्याएं सुनकर उनके निराकरण का प्रयास करेंगी।

error: Content is protected !!