लखीमपुर खीरी हिंसक टकराव में अब तक 8 की मौत नेट सेवाएं बंद जुटने लगे किसान

 

रिपोर्ट
उमेश बंशल
लखीमपुर-खीरी संदेश महल समाचार

उत्तर प्रदेश के जिला लखीमपुर-खीरी में कृषि कानूनों और केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्र टेनी की टिप्पणी का विरोध कर रहे किसानों और मंत्री के बेटे के बीच तिकुनियां कस्बे में हुए हिंसक टकराव के दौरान मंत्री के बेटे आशीष मिश्र की गाड़ी से कुचलकर चार किसानों की मौत हो गई और कई घायल हो गए जानबूझकर गाड़ी चढ़ाने का आरोप लगाते हुए गुस्साए किसानों ने मंत्री के बेटे की दो गाड़ियों में तोड़फोड़ करते हुए आग के हवाले कर दिया। किंतु इसी दौरान पिटाई से चालक की मौत हो गई। बवाल के बाद भाकियू नेता राकेश टिकैत के दिल्ली से कूच करने की सूचना के बाद किसानों ने कस्बे के इंटर कॉलेज में मृत किसानों के शव रखकर धरना शुरू कर दिया है। देर रात तक आसपास के जिलों से हजारों की संख्या में किसान धरनास्थल पर पहुंच गए।
किसान नेताओं ने कहा कि मंत्री के बेटे की गिरफ्तारी होने तक वे वहीं डटे रहेंगे। शासन ने लखनऊ से पुलिस प्रशासन के आला अधिकारी मौके पर भेज दिए है। देर शाम जिले में इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गईं हैं। केंद्रीय मंत्री अजय मिश्र टेनी का कहना है कि हंगामे के दौरान चालक को पत्थर लगने से गाड़ी अनियंत्रित होकर किसानों पर चढ़ने से हादसा हुआ है।बाद हिंसक झड़प में भाजपा के तीन कार्यकर्ता समेत ड्राइवर की मौत हुई है। वहीं बेटे आशीष मिश्र का कहना है कि वह खुद गाड़ी में नहीं थे। उनके कार्यकर्ता तीन वाहनों से उप-मुख्यमंत्री के स्वागत के लिए जा रहे थे।
केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र के बेटे आशीष मिश्र ने कहा है कि मैं कार्यक्रम के अंत तक सुबह नौ बजे से बनवारीपुर में था। मेरे खिलाफ आरोप पूरी तरह से निराधार हैं। और मैं इस मामले की न्यायिक जांच की मांग करता हूं। दोषियों को सजा मिलनी चाहिए। हमारे तीन वाहन एक कार्यक्रम के लिए उप मुख्यमंत्री की अगवानी करने गए थे। रास्ते में कुछ बदमाशों ने पथराव किया, कारों में आग लगा दी और हमारे चीन-चार कार्यकर्ताओं को लाठियों से पीटा।

जिलाधिकारी ने कहा

ज़िलाधिकारी अरविंद चौरसिया का कहना है कि घटना दिन के 3-3:15 बजे की है। रोड के दोनों तरफ लोग खड़े थे। विपरीत दिशा से आती हुई तीन गाड़ियों की उनसे दुर्घटना हुई। हम प्राथमिकी दर्ज कराने की कार्रवाई कर रहे हैं।मंत्री अजय मिश्र ने इस घटना में अपने बेटे की संलिप्तता से इनकार किया है। उन्होंने कहा कि वे किसानों के बीच बदमाश थे। किसान आंदोलन की शुरुआत से ही बब्बर खालसा समेत कई आतंकी संगठन अराजक स्थिति पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं। उसी का यह परिणाम है ये घटना।
गौरतलब हो कि कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसान पिछले एक सप्ताह से केंद्रीय मंत्री अजय मिश्र टेनी का भी विरोध कर रहे हैं। आरोप है कि केंद्रीय मंत्री ने आंदोलन को लेकर गलत टिप्पणी की थी। इसी वजह से किसान उप-मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के कार्यक्रम का विरोध करने के लिए खीरी के पास के ही कस्बे तिकुनिया में हैलीपैड के पास इकट्ठे हुए थे। विरोध की आशंका को देखते हुए उप-मुख्यमंत्री हेलीकॉप्टर से न आकर सड़क मार्ग से खीरी पहुंचे। उन्होंने दोपहर करीब 12 बजे विकास योजनाओं का शिलान्यास किया। इसके बाद उन्हें केंद्रीय मंत्री अजय मिश्र टेनी के गांव बनवीरपुर में एक दंगल का उद्घाटन करने जाना था। रास्ते में तिकुनिया में ही लखीमपुर और आसपास के जिलों के किसान विरोध करने के लिए भारी संख्या में इकट्ठा हो गए।
केंद्रीय मंत्री के गांव बनवीरपुर तिकुनियां मार्ग से जाने का कार्यक्रम रद्द कर दिया गया। हालांकि अपने गांव से उप-मुख्यमंत्री को लेने जा रहे केंद्रीय मंत्री के बेटे आशीष मिश्र तिकुनियां मार्ग से ही गुजरे। दोपहर लगभग दो बजे कस्बे के विद्युत उपकेंद्र के पास इकट्ठे हुए किसानों और आशीष मिश्र के बीच झड़प हो गई। किसानों नेताओं का आरोप है कि इसी दौरान आशीष ने उनके ऊपर गाड़ी चढ़ा दी। इसमें कई किसान घायल हो गए।

मृतक किसानों की सूची

1. गुरविंदर सिंह पुत्र सुखविन्द्रर सिंह, ग्राम मकरोनिया नानपारा बहराइच (आयु लगभग 20 वर्ष)

2. दलजीत सिंह पुत्र हरी सिंह, ग्राम बनजारा ठठ्ठा नानपारा बहराइच (आयु लगभग 35 वर्ष)

3. नक्षत्र सिंह पुत्र सुब्बा सिंह, ग्राम नयापुरवा धौरहरा लखीमपुर-खीरी (आयु लगभग 65 वर्ष)

4.लवप्रीत सिंह पुत्र सतिनाम सिंह चौकड़ा फार्म पलियाकला लखीमपुर-खीरी (आयु लगभग 20 वर्ष)

इसके बाद किसानों ने काफिले की दोनों गाड़ियों पर धावा बोल दिया और गाड़ी में मौजूद सभी लोगों के साथ मारपीट शुरू कर दी। केंद्रीय मंत्री के बेटे आशीष ने खेतों में घुसकर जान बचाई। वहीं आशीष के चालक हरिओम को किसानों ने घेर लिया और जमकर मारपीट की। केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्र टेनी का कहना है कि इस मारपीट से चालक की मौके पर ही मौत हो गई। उन्होंने यह भी कहा कि हंगामे के दौरान चालक को पत्थर लगा और इसी वजह से गाड़ी अनियंत्रित होकर किसानों पर चढ़ गई।
घटना की सूचना मिलते ही उप-मुख्यमंत्री मौर्य बनवीरपुर गांव के बीच रास्ते ही लौटकर बेलरायां में गेस्ट हाउस पहुंच गए। शासन ने एडीजी (कानून व्यवस्था) प्रशांत कुमार सहित कई आला अधिकारियों को मौके पर भेज दिया।
सूचना जैसे ही आसपास के जिलों में पहुंची तो बड़ी संख्या में किसान तिकुनियां में कौड़ियाला रोड स्थित महाराजा अग्रसेन इंटर कॉलेज में जुटना शुरू हो गए हैं। वहां दो किसानों के शव रखकर केंद्रीय मंत्री के बेटे की गिरफ्तारी की मांग की जा रही है। वहीं किसान लखीमपुर के जिला अस्पताल से मृत दो साथियों के शव बिना पोस्टमार्टम के ही ले गए हैं।
गाजीपुर (दिल्ली) की सीमा पर प्रदर्शन कर रहे किसान नेता राकेश टिकैत ने लखीमपुर कूच की घोषणा कर दी। इसके बाद किसानों ने तिकुनियां के अग्रसेन इंटर कॉलेज में इकट्ठा होकर प्रदर्शन शुरू कर दिया। दो किसानों के शव के साथ देर शाम तक डटे रहे। किसानों ने केंद्रीय मंत्री के बेटे पर हत्या का मुकदमा दर्ज गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं।

संपूर्णानगर में आयोजित किसान गोष्ठी से ही शुरू हुई थी आग सुलगनी

संपूर्णानगर में आयोजित किसान गोष्ठी से ही आग सुलगनी शुरू हो गई थी। 25 सितंबर को वहां जाने के दौरान केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्र टेनी को काले झंडे दिखाए गए थे। इस पर उन्होंने मंच से ही किसानों को धमकाते हुए कहा था.. सुधर जाओ वरना सुधार देंगे।
कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध कर रहे थे
किसानों का आरोप है कि वह कृषि कानूनों के खिलाफ और गृह राज्य मंत्री की किसानों के प्रति की गई टिप्पणी से आहत थे। इसके विरोध में उन्होने काले झंडे दिखाकर विरोध प्रदर्शन करना तय किया था। इसलिए वह तिकुनिया कस्बे से थोड़ी दूर विद्युत उपकेंद्र के आगे बैरियर के पास खड़े थे, लेकिन उन्हें सूचना मिली थी कि सांसद के गांव बनवीरपुर जाने के लिए डिप्टी सीएम का मार्ग बदल गया है।

किसानों का दमन करने पर उतारू हो गई सरकार धर्मेंद्र मलिक

भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता धर्मेंद्र मलिक ने आरोप लगाया कि सरकार अब किसानों का दमन करने पर उतारू हो गई है। कहा कि किसान पिछले दस महीने से शांतिपूर्ण तरीके से अपने अधिकारों की मांग के लिए धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं। किसानों के आंदोलन से कहीं भी कोई अप्रिय घटना नहीं घटने पाई है,लेकिन सरकार उन पर अब किसानों को ताकत के बल पर डराने का काम कर रही है। लखीमपुर की घटना से यही साबित होता है कि सरकार अब किसी भी कीमत पर उन्हें डराने का काम करेगी।

किसानों का अगला कदम क्या होगा?

इस पर किसान नेता ने कहा कि राकेश टिकैत लखीमपुर खीरी के लिए निकल चुके हैं। वे जल्दी ही वहां पहुंच जाएंगे और किसानों से मुलाकात करेंगे। राकेश टिकैत के घटनास्थल से लौटने के बाद एक बैठक की जाएगी और इस बैठक में आगे की रणनीति पर विचार किया जाएगा।
कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव इमरान मसूद ने कहा कि घिनौना कृत्य हुआ है। मंत्री का इस्तीफा लिया जाना चाहिए किसानों की लड़ाई अपने मुद्दों को लेकर सरकार से है,किसी व्यक्ति से नहीं, किसानों के आंदोलन को इस तरह कुचलना बेहद निंदनीय है।

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