चिकित्सा व्यवस्था में शिथिलता किसी भी रूप में स्वीकार्य नहीं : बृजेश पाठक

अनुज शुक्ल
सीतापुर संदेश महल समाचार
उत्तर प्रदेश सरकार के उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने शनिवार को सीतापुर जनपद में स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति का स्थलीय निरीक्षण किया। उन्होंने अस्पताल परिसर, ओपीडी, इमरजेंसी कक्ष,पर्चा वितरण केंद्र, पैथोलॉजी एवं वार्ड सहित विभिन्न व्यवस्थाओं को देखा और जनसामान्य से संवाद स्थापित कर उनकी समस्याएं सुनीं। निरीक्षण के दौरान उन्होंने चिकित्सकों और स्वास्थ्यकर्मियों को सेवा कार्य को ईश्वर की कृपा से प्राप्त अवसर बताते हुए मानवीय संवेदनाओं के साथ कार्य करने की प्रेरणा दी।स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा बैठक में उन्होंने कई गंभीर खामियों की ओर इशारा किया। लटकते बिजली के तार, जर्जर एक्सॉस्ट सिस्टम, कंप्यूटर और विद्युत आपूर्ति की अव्यवस्थाएं तथा संजीवनी ऐप पर मरीजों की फीडिंग न होने जैसे विषयों पर उन्होंने नाराजगी जताई और संबंधित अधिकारियों की जवाबदेही तय करने के निर्देश दिए। उन्होंने स्पष्ट किया कि चिकित्सा व्यवस्था में किसी भी प्रकार की शिथिलता स्वीकार नहीं की जाएगी।
उन्होंने मुख्य चिकित्सा अधिकारी और मुख्य चिकित्सा अधीक्षक के दायित्वों पर विशेष ध्यान देते हुए अपर निदेशक स्वास्थ्य को निर्देशित किया कि यदि ये अधिकारी अपने दायित्वों का निर्वहन नहीं कर रहे हैं, तो उनके विरुद्ध शासन को लिखित रिपोर्ट भेजी जाए जिससे आवश्यक अनुशासनात्मक कार्रवाई की जा सके।महिला अस्पताल के निरीक्षण के दौरान उन्होंने निर्देश दिया कि किसी भी सिजेरियन केस को वापस न किया जाए और जच्चा-बच्चा की देखभाल में कोई कोताही न बरती जाए। उन्होंने यह भी पूछा कि जब अस्पताल में दवाएं उपलब्ध हैं तो फिर बाहर की दवाएं क्यों लिखी जा रही हैं। इस प्रश्न पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी एवं अधीक्षक मौन रह गए, जिससे उपमुख्यमंत्री ने असंतोष प्रकट किया।उन्होंने यह भी निर्देशित किया कि पैथोलॉजी में 14 अनिवार्य जांचों की सूची बोर्ड पर प्रदर्शित की जाए तथा अस्पतालों में कम से कम 55 आवश्यक दवाएं हर समय उपलब्ध रहें। संजीवनी ऐप पर प्रत्येक मरीज की जानकारी दर्ज की जाए और स्वास्थ्य केंद्रों पर ताले या बंद दरवाजे जैसी शिकायतें बिल्कुल न आएं। एएनएम कर्मियों की ड्यूटी उनके मूल कार्यस्थल पर सुनिश्चित की जाए और अन्य दायित्व उसके पश्चात दिए जाएं।उपमुख्यमंत्री ने भविष्य की स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ करने हेतु सीतापुर में मेडिकल कॉलेज की स्थापना के लिए प्रभारी मंत्री से विमर्श कर कार्ययोजना बनाने की बात कही। उन्होंने जिलाधिकारी अभिषेक आनंद की कार्यशैली की प्रशंसा करते हुए निर्देश दिया कि सभी स्वास्थ्य इकाइयों की सघन निगरानी की जाए, लापरवाह कार्मिकों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई हो और सभी संसाधनों का समन्वय करते हुए एक मास्टर प्लान तैयार कर संचालित किया जाए।श्री पाठक ने कहा कि मरीज से संवाद, संवेदना और समय पर सेवा – यही चिकित्सा सेवा की त्रिमूर्ति है। जब तक व्यवस्था में भावनात्मक जुड़ाव नहीं होगा, तब तक सुधार अधूरा रहेगा। उन्होंने कहा कि यह सेवा सौभाग्य है, इसे कर्म, करुणा और कर्तव्य के साथ निभाया जाना चाहिए। उपमुख्यमंत्री ने डॉक्टरों की कमी को शीघ्र दूर करने और एम्बुलेंस संचालन को योजनाबद्ध ढंग से लागू करने के निर्देश भी दिए।इस दौरान उपमुख्यमंत्री ने महिलाओं को पोषण डलिया वितरित किया और कहा कि सीतापुर की स्वास्थ्य सेवाओं को प्रदेश में सर्वोच्च स्थान दिलाने के लिए हर संभव प्रयास किए जाएंगे। अस्पताल परिसर की सड़कों को सुदृढ़ किया जाएगा और आवश्यक निर्माण कार्य को शीघ्र पूरा किया जाएगा।निरीक्षण के दौरान प्रभारी राज्यमंत्री मयंकेश्वर शरण सिंह, नगर विकास राज्यमंत्री राकेश राठौर गुरु, विधायक मिश्रिख रामकृष्ण भार्गव, भाजपा जिलाध्यक्ष राजेश शुक्ला,जिलाधिकारी अभिषेक आनंद, मुख्य चिकित्सा अधिकारी सुरेश कुमार, मुख्य चिकित्सा अधीक्षक इन्द्र सिंह तथा नगर पालिका परिषद सीतापुर के प्रतिनिधि मुनीन्द्र अवस्थी सहित स्वास्थ्य विभाग के अनेक अधिकारी उपस्थित रहे।

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