दस नीम के पेड़ काटे,जेसीबी से मिटाए सबूत वन सुरक्षा माह में उजड़ा हरित आवरण विभाग मौन

जयप्रकाश रावत
रामनगर बाराबंकी संदेश महल
थाना रामनगर क्षेत्र के सरसवा गांव में वन माफियाओं ने पर्यावरण पर करारा प्रहार करते हुए दस नीम के पेड़ों को बेरहमी से काट दिया। यही नहीं,कटाई के बाद जेसीबी मशीन लगाकर उनके ठूंठ तक उखाड़ दिए गए ताकि सबूत तक न बचें। यह हरकत तब सामने आई है जब पूरा प्रदेश ‘वन सुरक्षा माह’ मना रहा है। मामला ठेकेदारों से जुड़ा होने के कारण लोग खुलकर बोलने से डर रहे हैं। हालांकि इस अवैध कटाई की जानकारी वन विभाग को है, फिर भी अभी तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो पाई है।
वन विभाग हाल ही में कई स्थानों पर औपचारिक कार्रवाई कर चुका है, लेकिन सरसवा की इस घटना में विभाग की चुप्पी कई सवाल खड़े कर रही है। ग्रामीणों का कहना है कि यदि किसी आम नागरिक द्वारा एक पेड़ भी काटा जाता, तो उस पर तुरंत केस दर्ज हो जाता। लेकिन यहां तो दस नीम जैसे औषधीय वृक्ष काटे गए और विभाग की तरफ से अब तक कोई प्राथमिक रिपोर्ट तक नहीं आई।
प्रदेश सरकार द्वारा वन सुरक्षा माह के तहत बड़े-बड़े अभियान चलाए जा रहे हैं। रैलियां, पौधारोपण और जागरूकता शिविरों का आयोजन हो रहा है, लेकिन सरसवा की घटना यह बताने के लिए काफी है कि जमीन पर हकीकत क्या है। जब कानून का डर न हो और विभागीय संरक्षण प्राप्त हो, तो ठेकेदारों को कौन रोके? मामले की उच्च स्तरीय जांच और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होना चाहिए।साथ ही स्थानीय प्रशासन से यह भी अपेक्षा की गई है कि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए प्रभावी निगरानी तंत्र विकसित किया जाए।

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