गुमशुदा बेटे की खोज में परेशान परिवार एंबेसी ने दी चौंकाने वाली जानकारी

योगेन्द्र वर्मा
अंबेडकरनगर संदेश महल
अकबरपुर तहसील के लोरपुर ताजन गांव निवासी मनोज कुमार वर्ष 2019 में बेहतर भविष्य की तलाश में दुबई गए थे। शुरुआत में वह परिवार से नियमित बातचीत करते रहे, लेकिन अप्रैल 2022 के बाद उनका संपर्क अचानक पूरी तरह टूट गया। इस खामोशी ने उनके परिजनों की जिंदगी को गहरे दर्द और चिंता में डाल दिया।मनोज के बड़े भाई संजय कुमार बताते हैं कि उन्होंने कई बार प्रयास किया, लेकिन मनोज से कोई संपर्क नहीं हो सका। इसी तनाव के बीच पिता राम सूरत को बेटे की चिंता ने इस कदर घेरा कि उन्हें ब्रेन हैमरेज हो गया, जिससे उनकी मृत्यु हो गई। पति के निधन और बेटे की अनिश्चित स्थिति ने मां को भी बीमार कर दिया। परिवार का प्रत्येक सदस्य मानसिक और शारीरिक रूप से टूट चुका है।

समाजसेवी पहुंचे आगे एंबेसी से मिली चौंकाने वाली सूचना

परिवार की व्यथा जानकर समाजसेवी सैयद आबिद हुसैन ने विदेश मंत्रालय और संबंधित भारतीय एंबेसी से संपर्क किया। उन्होंने मनोज की स्थिति की जानकारी मांगते हुए पत्राचार किया।30 मई 2025 को एंबेसी की ओर से जो उत्तर आया, उसने पूरे परिवार को स्तब्ध कर दिया। एंबेसी ने सूचित किया कि मनोज कुमार 18 सितंबर 2024 को ही भारत लौट चुके हैं।
अब सवाल यह है कि भारत लौटने के बाद मनोज ने न तो अपने परिवार से संपर्क किया और न ही कोई सूचना दी। यह रहस्य और भी गहरा हो गया है – क्या मनोज किसी परेशानी में हैं, क्या वह मानसिक रूप से अस्वस्थ हैं, या कोई और गंभीर कारण है?

परिवार की अपील, मनोज की लोकेशन जल्द पता चले

समाजसेवी आबिद हुसैन ने प्रशासन और विदेश मंत्रालय से पुनः अपील की है कि मनोज कुमार की वर्तमान स्थिति और लोकेशन का तत्काल पता लगाया जाए, ताकि उनका परिवार मानसिक संताप से बाहर आ सके।
इस घटना ने एक बार फिर प्रवासी भारतीयों की सुरक्षा और पारिवारिक संवाद की अहमियत पर सवाल खड़ा कर दिया है।

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