जर्जर स्कूल भवनों पर बेसिक शिक्षा विभाग सख्त चिह्नांकन और ध्वस्तीकरण की कार्यवाही तेज

बाराबंकी संदेश महल समाचार
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सख्त चेतावनी के बाद बेसिक शिक्षा विभाग ने परिषदीय विद्यालयों के जर्जर भवनों की पहचान सत्यापन, मूल्यांकन और ध्वस्तीकरण की कार्यवाही में तेजी ला दी है। विभाग ने सभी जिलों को निर्देशित किया है कि बच्चों और शिक्षकों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए जर्जर ढांचों को लेकर सुरक्षा,जवाबदेही और त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित की जाए।

शासन स्तर से स्पष्ट कर दिया गया है कि बच्चों की सुरक्षा के मुद्दे पर किसी भी प्रकार का समझौता नहीं किया जाएगा। यदि किसी विद्यालय भवन के गिरने या किसी प्रकार की दुर्घटना की सूचना मिलती है, तो संबंधित अधिकारी को सीधे उत्तरदायी मानते हुए उसके विरुद्ध कठोर विभागीय कार्रवाई की जाएगी।

बेसिक शिक्षा निदेशक कार्यालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार, जिलों को निर्देशित किया गया है कि वे पूर्व में चिह्नित जर्जर भवनों की समीक्षा करें और नए ढांचों का तत्काल चिह्नांकन कर तकनीकी समिति को सत्यापन एवं मूल्यांकन के लिए सूची सौंपें। इस कार्य में समयबद्धता और पारदर्शिता बरतने के स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं।

इसके तहत तकनीकी विशेषज्ञों की एक समिति को सभी चिह्नित भवनों का निरीक्षण कर यह रिपोर्ट देनी होगी कि कौन से भवन पूर्णत: ध्वस्तीकरण योग्य हैं और किनका आंशिक मरम्मत के बाद उपयोग किया जा सकता है। रिपोर्ट के आधार पर संबंधित भवनों को ध्वस्त करने या अस्थायी रूप से बंद करने की कार्रवाई की जाएगी।

मुख्यमंत्री ने दी स्पष्ट चेतावनी

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाल ही में एक उच्चस्तरीय बैठक में स्पष्ट किया कि बच्चों की सुरक्षा के मामले में कोई भी अधिकारी लापरवाही नहीं बरत सकता। उन्होंने निर्देश दिए कि यदि किसी जर्जर भवन के कारण किसी बच्चे या कर्मचारी को कोई नुकसान होता है, तो संबंधित बीईओ, खंड शिक्षा अधिकारी, एबीएसए, यहां तक कि जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी तक के खिलाफ कार्रवाई तय होगी।

भवनों की स्थिति पर होगी निगरानी

शासन स्तर पर निगरानी सेल गठित की जा रही है जो जिलों से प्राप्त रिपोर्ट्स की नियमित समीक्षा करेगी। साथ ही प्रत्येक जिले में जिला स्तरीय मॉनिटरिंग कमेटी को सक्रिय किया गया है, जो कार्यों की प्रगति पर नजर रखेगी। जिलाधिकारी और मुख्य विकास अधिकारी को भी इस कार्य में प्रत्यक्ष सहभागिता निभाने के निर्देश दिए गए हैं।

पूर्व में हुए हादसों ने चेताया

गौरतलब है कि प्रदेश के कुछ जिलों में पहले भी जर्जर भवन गिरने से बच्चों के घायल होने की घटनाएं सामने आई थीं। इसके बाद विभाग ने अल्पकालिक मरम्मत कार्यों को प्राथमिकता दी थी, लेकिन स्थायी समाधान अब जाकर शासन स्तर से गंभीरता से लिया गया है।

शिक्षकों और अभिभावकों में भी दिखी चिंता

इस निर्णय के बाद शिक्षकों और अभिभावकों में भी राहत की भावना देखी गई है। शिक्षक संघों ने मांग की है कि भवनों के निरीक्षण में पारदर्शिता बरती जाए और ऐसे विद्यालयों को तत्काल स्थानांतरित किया जाए जहाँ भवन पूरी तरह अनुपयोगी हो चुके हैं।

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