कोटेदारों की तीन दिवसीय हड़ताल से राशन वितरण ठप, उपभोक्ता परेशान
संदेश महल समाचार
रामनगर तहसील क्षेत्र के सूरतगंज ब्लॉक अंतर्गत उचित दर विक्रेताओं (कोटेदारों) ने लाभांश (कमीशन) भुगतान में देरी के विरोध में तीन दिवसीय हड़ताल शुरू कर दी है। इस कारण क्षेत्र में नि:शुल्क राशन वितरण पूरी तरह ठप हो गया है, जिससे अंत्योदय व पात्र गृहस्थी कार्ड धारकों को परेशानी झेलनी पड़ रही है।
कोटेदारों ने लगाया ताला, जताया आक्रोश
सोमवार सुबह से ही कोटेदारों ने अपनी दुकानों पर ताले डाल दिए और हाथों में बैनर लेकर प्रदर्शन शुरू कर दिया। कोटेदारों का कहना है कि सरकार लगातार उन्हें समय से कमीशन नहीं दे रही, जबकि वे बढ़ती महंगाई के बीच काम करने को मजबूर हैं।
“वक्त पर भुगतान नहीं, तो कैसे चलाएं दुकान?”
प्रदर्शन कर रहे कोटेदार हक खान ने कहा कि, “हमने विधानसभा तक जाकर अपनी मांगें रखीं, लेकिन सरकार ने अब तक कोई सकारात्मक कदम नहीं उठाया है।”
कोटेदारों के अनुसार उन्हें प्रति कुंतल राशन पर जो लाभांश मिलना चाहिए, वह कई माह से अटका हुआ है, जबकि उनका खुद का खर्च, मजदूरी व ढुलाई लगातार बढ़ रही है।
आंदोलन और भी तेज होने की चेतावनी
उत्तर प्रदेश सस्ता गल्ला विक्रेता परिषद के आह्वान पर शुरू हुई यह हड़ताल 20 से 22 जुलाई तक चलेगी। परिषद के महासचिव प्रतिनिधि मनीष कुमार ने स्पष्ट कहा है कि “यदि सरकार ने मांगें नहीं मानीं, तो आंदोलन अनिश्चितकालीन होगा।
जिला स्तर पर नेतृत्व कर रहीं रीता वर्मा
पूरे बाराबंकी जिले में यह आंदोलन परिषद की जिला अध्यक्ष रीता वर्मा के नेतृत्व में संचालित किया जा रहा है। सूरतगंज क्षेत्र में तेज प्रताप वर्मा, प्रेम कुमार, समीम, मोहम्मद, राधेश्याम, ब्लॉक अध्यक्ष अयोध्या प्रसाद सहित एक दर्जन से अधिक कोटेदार सक्रिय रूप से शामिल हैं।
ग्रामीणों की परेशानी बढ़ी राशन वितरण ठप होने से ग्राम स्तर पर उपभोक्ताओं में बेचैनी है। कई लाभार्थियों का कहना है कि “मुफ्त राशन हमारी महीने भर की जरूरत है, लेकिन दुकानें बंद हैं।
अधिकारियों की चुप्पी पर भी सवाल
स्थानीय खाद्य आपूर्ति विभाग के अधिकारियों से संपर्क का प्रयास किया गया, लेकिन किसी ने आधिकारिक बयान नहीं दिया।
एक तरफ सरकार मुफ्त राशन योजना के प्रचार में जुटी है, वहीं दूसरी ओर योजना को जमीन पर लागू कराने वाले कोटेदार खुद आर्थिक संकट में हैं। यदि शासन-प्रशासन समय रहते हस्तक्षेप नहीं करता, तो इससे लाखों उपभोक्ताओं की राशन आपूर्ति प्रभावित हो सकती है।