संतकबीरनगर संदेश महल समाचार
जिले के विकासखंड नाथ नगर अंतर्गत ग्राम पंचायत शनिचरा जमुनी कला में मनरेगा योजना के तहत कराए जा रहे पोखरे के निर्माण में फर्जीवाड़ा सामने आया है। काम पर मजदूर नदारद है फिर भी पोखरे की खुदाई व सफाई कार्य कागजो में पूरा किया जा रहा है। 90 मजदूरों के मस्टररोल चल रहे है। जिम्मेदार हाथ पर हाथ धरे बैठे है। धन का बंदरबांट का खेल जारी है। ग्रामीणों ने बताया कि मुख्य विकास अधिकारी से शिकायत करने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। जिसको लेकर ग्रामीणों में आक्रोश व्याप्त है।
विकासखंड नाथ नगर अंतर्गत ग्राम पंचायत शनिचरा जमुनी कला में एक सप्ताह पहले जल जीवन मिशन के ठेकेदार द्वारा टंकी व पंप भवन की बाउंड्री वॉल में निकट के एक तालाब से जेसीबी द्वारा मिट्टी की खुदाई करके पाटा जा रहा था मिट्टी के खुदाई के बाद ग्राम पंचायत द्वारा तालाब के चारों तरफ जेसीबी मशीन से ही मिट्टी डालकर बराबर कर दिया गया। तब तक तो सब कुछ ठीक था। लेकिन अब सरकारी धन भुनाने का कुचक्र सामने आया है। जेसीबी से की गई खुदाई के दौरान तालाब का कार्य वैसे ही लगभग पूरा हो गया था लेकिन पिछले कई दिनों से इस तालाब पर 90 लोगों का मास्टर रोल में हाजिरी भर के तालाब की खुदाई व सफाई का कार्य दर्शाया जा रहा है। जबकि मौके पर एक भी मजदूर का कहीं आता-पता नहीं है। ग्राम निवासी जोगिंद्र जैसवाल, अजीत सिंह, धर्मेंद्र सिंह, अशोक सिंह, बेचन प्रसाद, दीनानाथ आदि ग्रामीणों ने बताया कि ग्राम प्रधान द्वारा जल जीवन मिशन को तालाब की हजारों रुपए की मिट्टी पहले बेंच दिए हैं। अब जब काम जल जीवन मिशन का समाप्त हो गया है तो पंचायत द्वारा इस तालाब को मनरेगा योजना की फाइल बनाकर फर्जी तरीके से 90 मजदूरों की हाजिरी लगा कर लाखो रुपये के बंदरबांट का प्रयास किया जा रहा है। जिससे सरकारी धन का भारी पैमाने पर दुरुपयोग होने की संभावना है। ग्रामीण ने बताया कि इसकी शिकायत खंड विकास अधिकारी से की गई। उन्होंने कोई कार्रवाई नहीं किया। पिछले मंगलवार को इसकी शिकायत मुख्य विकास अधिकारी से की गई। लेकिन उसके बाद भी कोई कार्रवाई नही हुई। मनरेगा में भ्रष्टाचार पर अंकुश लगना मुश्किल हो गया है। मस्टररोल पर मजदूरों का फर्जी हाजिरी लगाने का सिलसिला जारी है। ग्रामीणों ने जिला अधिकारी से जांच कर फर्जी भुगतान पर रोक लगाने की मांग किया है।
इस संबन्ध में बीडीओ नाथनगर विवेकानन्द मिश्र ने बताया कि मामले की जांच की जाएगी। यदि मामला सत्य पाया गया तो कार्रवाई अवश्य की जाएगी।