जयप्रकाश रावत
बाराबंकी संदेश महल समाचार
शिक्षा की लौ से रोशन हो रहे प्राथमिक विद्यालय गुरुसेल ने इस वर्ष न केवल विद्यार्थियों की संख्या में बढ़ोतरी की है, बल्कि शैक्षणिक और भौतिक विकास के क्षेत्र में भी नए कीर्तिमान स्थापित किए हैं। विकास खंड फतेहपुर अंतर्गत आने वाले इस विद्यालय में इस वर्ष कुल 51 छात्र-छात्राओं का नामांकन हुआ है, जो ग्रामीण शिक्षा के क्षेत्र में एक सकारात्मक संकेत के रूप में देखा जा रहा है।
विद्यालय में कक्षा 1 में 7, कक्षा 2 में 9, कक्षा 3 में 16, कक्षा 4 में 5 और कक्षा 5 में 14 छात्र-छात्राएं अध्ययनरत हैं। यह संख्या बताती है कि ग्रामवासियों में विद्यालय के प्रति विश्वास बढ़ा है और वे अपने बच्चों को शिक्षा की मुख्यधारा से जोड़ने के प्रति गंभीर हैं।विद्यालय का संचालन प्रभारी प्रधानाध्यापक सीमा देवी के कुशल नेतृत्व में हो रहा है, जिन्हें शिक्षा के क्षेत्र में अनुभव और सेवा भावना का अनूठा संगम माना जाता है। उनके साथ सहायक अध्यापक भानु मिहिर,शिक्षा मित्र शैल कुमारी, एवं रसोइया प्रेमावती और मालती पूरी निष्ठा के साथ विद्यालय के संचालन में जुटे हुए हैं।
विद्यालय को ग्राम पंचायत स्तर से भी भरपूर सहयोग प्राप्त हो रहा है। ग्राम प्रधान प्रतिनिधि अंशुल विद्यालय की गतिविधियों में निरंतर भागीदारी निभा रहे हैं। इसके अतिरिक्त एनपीआरसी (न्याय पंचायत संसाधन केंद्र) प्रभारी जगदीश प्रसाद तथा नोडल अधिकारी प्रवेश कुमार भी समय-समय पर विद्यालय का निरीक्षण करते हैं और आवश्यक मार्गदर्शन प्रदान करते हैं।विद्यालय की प्रमुख उपलब्धियों में हाल ही में निर्मित नवीन भवन शामिल है, जिसने कक्षाओं के संचालन को सुविधाजनक बना दिया है। इसके साथ ही विद्यालय परिसर में तैयार किया गया ग्रीन गार्डन अब बच्चों के लिए आकर्षण का केंद्र बन चुका है।परिसर में लगाए गए वृक्ष-पौधे न केवल पर्यावरण को स्वच्छ और शुद्ध बना रहे हैं, बल्कि बच्चों को प्रकृति से जोड़ने और पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूक भी कर रहे हैं। यह हरियाली न केवल देखने में सुंदर है, बल्कि बच्चों के मानसिक विकास में भी सहायक सिद्ध हो रही है।विद्यालय में केवल पठन-पाठन ही नहीं, बल्कि बच्चों के सर्वांगीण विकास पर भी विशेष ध्यान दिया जाता है। प्रभारी प्रधानाध्यापक और शिक्षकगण नियमित रूप से छात्रों को स्वच्छता,अनुशासन,सहयोग और सामाजिक जिम्मेदारियों के प्रति जागरूक करते हैं।विद्यालय परिसर की स्वच्छता और अनुशासित व्यवस्था इसके उदाहरण हैं।विद्यालय की सफलता का श्रेय केवल शिक्षकगण को ही नहीं बल्कि ग्राम समाज को भी जाता है, जिन्होंने विद्यालय की गतिविधियों में रुचि लेना शुरू किया है। अभिभावक नियमित रूप से अपने बच्चों की प्रगति जानने विद्यालय आते हैं, जिससे शिक्षक और अभिभावक के बीच बेहतर संवाद बनता है।हालांकि विद्यालय ग्रामीण क्षेत्र में स्थित है और संसाधनों की कुछ सीमाएं हैं, लेकिन वहां की टीम ने इन्हें बाधा नहीं, बल्कि प्रेरणा के रूप में लिया है। सीमित संसाधनों में भी गुणवत्ता युक्त शिक्षा देना, बच्चों में आत्मविश्वास भरना और उन्हें उज्जवल भविष्य की ओर प्रेरित करना,यही इस विद्यालय का मुख्य उद्देश्य है।विद्यालय प्रबंधन का लक्ष्य आने वाले वर्षों में शत-प्रतिशत नामांकन,डिजिटल शिक्षा संसाधनों की उपलब्धता और कला-संस्कृति गतिविधियों के माध्यम से छात्रों की प्रतिभा को निखारने का है। इसके लिए शिक्षकगण सतत प्रयासरत हैं और स्थानीय प्रशासन का सहयोग भी प्राप्त हो रहा है।ग्राम पंचायत गुरुसेल का यह प्राथमिक विद्यालय आज न सिर्फ बच्चों के लिए ज्ञान का केंद्र बना है, बल्कि पर्यावरणीय संतुलन और सामाजिक सहभागिता का भी उत्कृष्ट उदाहरण प्रस्तुत कर रहा है। शिक्षा के इस दीप से रोशन हो रहे ये नन्हें दीपक आने वाले समय में समाज और राष्ट्र की दिशा तय करेंगे विशेष उल्लेखनीय है कि सहायक अध्यापक भानु मिहिर विद्यालय की गतिविधियों को नियमित रूप से सोशल मीडिया के माध्यम से साझा करते हैं, जिससे न केवल अभिभावकों और ग्रामवासियों को विद्यालय की प्रगति की जानकारी मिलती है, बल्कि शैक्षणिक पारदर्शिता और जनभागीदारी को भी बढ़ावा मिलता है। इस डिजिटल जागरूकता के माध्यम से विद्यालय को एक नई पहचान मिल रही है और शिक्षा क्षेत्र में नवाचार को प्रोत्साहन भी मिल रहा है।