पीएन सिंह
सूरतगंज (बाराबंकी)। संदेश महल
समाज को शाकाहार, सदाचार और नशा मुक्ति की राह पर ले जाने का संदेश लेकर चल रही परम संत बाबा जयगुरुदेव जी महाराज की परंपरा की 57 दिवसीय शाकाहार-सदाचार जनजागरण यात्रा मंगलवार की संध्या 43वें पड़ाव पर ग्राम रहटा पहुंची। यात्रा का नेतृत्व संत पंकज जी महाराज कर रहे हैं, जिन्हें परम संत बाबा जयगुरुदेव जी का आध्यात्मिक उत्तराधिकारी माना जाता है।
रहटा गांव में यात्रा का आगमन होते ही ग्रामवासियों ने उत्साहपूर्वक स्वागत किया। मुख्य मार्गों पर श्रद्धालु महिलाओं ने कलश यात्रा निकाली, युवाओं ने ढोल-नगाड़ों के साथ जयघोष किया और यात्रा में शामिल अनुयायियों पर पुष्प वर्षा की गई। यह दृश्य धार्मिक आस्था और सामाजिक एकता का अद्भुत उदाहरण बना।गांव में आयोजित सत्संग कार्यक्रम में संत पंकज जी महाराज ने सैकड़ों श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए गूढ़ आध्यात्मिक संदेश दिया। उन्होंने कहा— ‘‘मिली नर देह यह तुमको, बनाओ काज कुछ अपना। पचो मत आय यहि जग में , जानियों का रैन कस सुपना।।’’ जिस प्रकार हम लोग रात में स्वप्न देखते हैं, वह स्वप्न हमको सच मालूम पड़ता है परन्तु आंख खुलने पर सारा खेल समाप्त हो जाता है। ठीक इसी प्रकार से जो भी हम घर, परिवार, बाल-बच्चे, खेती-बारी, रिश्ते-नाते देख रहे हैं। यह भी 50-60 साल या 100 साल का स्वप्न ही है। मौत के समय हमारा ये सब कुछ यहीं धरा रह जाता है। यहां तक कि जिस शरीर को हम रोज साबुन से धोते संवारते हैं यह भी यहीं रह जाता है। सुई की नोंक बराबर कोई सामान लेकर नहीं जा सकता। जिसकी यह दुनियां (कायनात) है, वह सब यहीं रखा लेगा और जो आपके सगे सम्बन्धी थे वो एक रात को भी आपकी शरीर को घर में रखने को तैयार नहीं होंगे। इसीलिये महात्मा समझाते हैं कि ‘‘गहो अब नाम की सरना।’’ अर्थात् नाम की डोर को पकड़ लो। नाम सदा सन्तन आधीना। महात्मा जिस नाम को जगा (सिद्ध) दें वही नाम जीवों को भव पार कर देगा। कबीर साहब ने साहब नाम, नानक जी ने वाहे गुरु नाम, मीराबाई ने गिरधर नाम, गोस्वामाी जी ने राम नाम, सूरदास जी ने श्याम नाम, जगजीवन साहब ने सतनाम नाम जगाया। इसी प्रकार हमारे गुरु महाराज परम सन्त बाबा जयगुरुदेव जी महाराज ने जयगुरुदेव नाम सिद्ध करके नाम जहाज लगा कर गये कि जो भी इस नाम रूपी जहाज पर चढ़ जायेगा। वह भवपार चला जायेगा। लेकिन इसके लिये शाकाहार एवं नशा मुक्ति का संकल्प लेकर सुरत शब्द योग की साधना करनी होगी। इसके लिये घर बार नहीं छोड़ना। गृहस्थ जीवन में रहते हुये घण्टा दो घण्टा समय अवश्य निकालें और प्रभु का सच्चा भजन कर लें जिसके लिये यह मानव तन मिला है।
महाराज जी ने चेताया कि आने वाली भंयकर बीमारियों से बचना चाहें तो शाकाहार को अपनायें और नशीले पदार्थों का परित्याग करें। तभी एक अच्छा समाज बनेगा। तभी हमारा समाज व देश खुशहाल होगा।
उन्होंने आगामी 17 से 21 मई तक जयगुरुदेव आश्रम, मथुुरा में होने वाले परम संत बाबा जयगुरुदेव जी महाराज के तेरहवें पावन भण्डारा पर पधारने का निमन्त्रण भी दिया। सत्संग समारोह में पुलिस प्रशासन का सहयोग रहा।
इस अवसर पर जिलाध्यक्ष रामचन्द्र यादव, ग्रा. प्रधान चन्दन सिंह, रामपाल यादव, विनोद कुमार यादव, ओम प्रकाश दीक्षित, विजय शंकर दीक्षित, पवन कुमार जायसवाल, देवी दयाल दीक्षित, डा. रोहित, राम कुमार यादव आदि उपस्थित रहे।