स्कूलों की हालत पर सख्त हुए सीएम योगी, डीएम और बीएसए को दिए निर्देश

जेपी रावत संदेश महल समाचार
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश के परिषदीय विद्यालयों की भौतिक स्थिति को लेकर सख्ती दिखाते हुए जिलों के डीएम और बीएसए को स्पष्ट निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि किसी भी जिले में कोई भी सरकारी विद्यालय जर्जर भवन, गंदगी अथवा बुनियादी सुविधाओं की कमी से प्रभावित नहीं होना चाहिए।

मुख्यमंत्री ने सोमवार को हुई एक उच्चस्तरीय बैठक में अधिकारियों को निर्देशित किया कि हर जिले में जिलाधिकारी और बेसिक शिक्षा अधिकारी की अगुवाई में टीमें गठित की जाएं और प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों का भौतिक निरीक्षण कराया जाए। निरीक्षण में भवन की स्थिति, शौचालय, पेयजल, बिजली, रंगाई-पुताई, स्मार्ट क्लास, फर्नीचर, रैम्प और बैठने की व्यवस्था जैसे सभी बिंदुओं की गहन समीक्षा की जाए।

मीडिया रिपोर्टों के बाद सीएम ने लिया संज्ञान

प्रदेश के कई जिलों में विद्यालयों की बदहाल स्थिति पर मीडिया में लगातार खबरें प्रकाशित हो रही थीं। कई स्कूलों में गंदगी, टूटी छतें, असुरक्षित कक्षाएं और मूलभूत सुविधाओं की कमी की शिकायतें सामने आई थीं। इन्हीं रिपोर्टों के बाद मुख्यमंत्री ने संज्ञान लेते हुए यह कार्रवाई की।

ऑपरेशन कायाकल्प से 96% स्कूलों में सुविधाएं

सीएम योगी ने बैठक में बताया कि ऑपरेशन कायाकल्प के अंतर्गत प्रदेश के लगभग 96 प्रतिशत स्कूलों में मूलभूत सुविधाएं जैसे शौचालय, पुस्तकालय, स्मार्ट क्लास और बिजली की उपलब्धता सुनिश्चित की जा चुकी है। इसके बावजूद कहीं भी अव्यवस्था की सूचना मिलती है तो त्वरित कार्रवाई की जाए।

मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि जहां स्कूल भवन पूरी तरह से जर्जर हो चुके हैं, वहां के बच्चों को तुरंत सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया जाए। इन भवनों की मरम्मत या पुनर्निर्माण के लिए विभागीय बजट और कॉरपोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी (CSR) फंड का इस्तेमाल किया जाए। इस कार्य में जनप्रतिनिधियों, सांसदों और विधायकों को भी जोड़ने की बात कही गई है।

प्राथमिक विद्यालयों को बताया समाज की नींव

सीएम योगी ने कहा, “प्राथमिक विद्यालय केवल भवन नहीं, बल्कि समाज के भविष्य की नींव हैं। यदि अभिभावकों को यह भरोसा नहीं होगा कि उनके बच्चों को सरकारी विद्यालयों में सुरक्षित और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिलेगी, तो प्राथमिक शिक्षा व्यवस्था मजबूत नहीं हो पाएगी।

मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि परिषदीय विद्यालयों की विस्तृत प्रगति रिपोर्ट तैयार कर शीघ्र शासन को भेजी जाए, ताकि शासन स्तर से भी समीक्षा कर आवश्यक निर्णय लिए जा सकें।

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