तीर्थनगरी की उपेक्षा देख कर छलका दर्द: नैमिषारण्य में बोले डॉ. पुरुषोत्तम तिवारी

मिश्रिख (सीतापुर) संदेश महल तीर्थनगरी की उपेक्षा देख कर छलका दर्द: नैमिषारण्य में बोले डॉ. पुरुषोत्तम तिवारी। विश्वविख्यात धर्मनगरी नैमिषारण्य में मंगलवार को मध्यप्रदेश प्रांत के जबलपुर से पधारे इंडियन पीपुल्स अधिकार पार्टी के संस्थापक एवं राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. पुरुषोत्तम तिवारी का तीर्थ क्षेत्र की दुर्दशा देखकर दर्द छलक पड़ा। वे यहां एक भागवत कथा के आयोजन हेतु आए थे, किंतु तीर्थ क्षेत्र की बदहाल स्थिति देख मन व्यथित हो उठा। पत्रकार वार्ता के दौरान उन्होंने खुले शब्दों में तीर्थ क्षेत्र की समस्याओं को उठाया और सरकार को कठघरे में खड़ा किया।
डॉ. तिवारी ने बताया कि उन्होंने नैमिषारण्य के 84 कोसीय परिक्रमा क्षेत्र के तमाम स्थलों का भ्रमण किया, जिनमें चक्र तीर्थ सहित कई पवित्र स्थान सम्मिलित हैं। उन्होंने कहा कि नैमिषारण्य को सरकार ने भले ही पर्यटन स्थल का दर्जा दे दिया है, पर जमीनी हकीकत इसके विपरीत है। चक्र तीर्थ पर व्याप्त गंदगी, आवासीय व्यवस्था की कमी, परिवहन सुविधाओं का अभाव, पार्किंग की समस्या तथा धार्मिक मेलों में होने वाली अव्यवस्थाओं पर उन्होंने गहरी चिंता जताई।
उन्होंने कहा कि तीर्थ क्षेत्र में आने वाले श्रद्धालुओं और पर्यटकों को मूलभूत सुविधाओं के लिए जूझना पड़ता है। वर्षों से नैमिषारण्य का धार्मिक, आध्यात्मिक और सांस्कृतिक महत्व बना हुआ है, लेकिन सरकार की उपेक्षा के चलते यह क्षेत्र अपनी गरिमा खोता जा रहा है।
उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि यदि सरकार वाकई में धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देना चाहती है, तो उसे नैमिषारण्य जैसे प्राचीन तीर्थ स्थलों पर विशेष ध्यान देना होगा। उन्होंने कहा कि सिर्फ नाम के पर्यटन स्थल घोषित कर देने से कुछ नहीं होता, ज़रूरी है कि ज़मीनी स्तर पर सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं और धार्मिक तीर्थों की गरिमा को बनाए रखने के लिए ठोस प्रयास किए जाएं।

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