थाना निरीक्षक पर भड़के विधायक रामकृष्ण भार्गव: मिश्रित थाने में भ्रष्टाचार के गंभीर

 

संदेश महल सीतापुर समाचार

सीतापुर जनपद की मिश्रित तहसील में शनिवार को आयोजित सम्पूर्ण समाधान दिवस पर भले ही प्रशासनिक अधिकारियों ने जनता की समस्याएँ सुनीं, लेकिन इस दौरान सामने आईं पुलिस महकमे की खामियाँ, भ्रष्टाचार के आरोप और महिलाओं की असुरक्षा की तस्वीरें पूरे आयोजन पर भारी पड़ गईं।समाधान दिवस में जिलाधिकारी अभिषेक आनंद और पुलिस अधीक्षक अंकुर अग्रवाल स्वयं मौजूद रहे। उन्होंने मौके पर पहुँचकर जनता की समस्याओं को सुना और संबंधित विभागीय अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि सभी शिकायतों का न्यायसंगत, समयबद्ध और गुणवत्तापूर्ण समाधान सुनिश्चित किया जाए। जिलाधिकारी ने खासतौर पर राजस्व विभाग को निर्देशित किया कि गरीब, कमजोर और वंचित वर्ग की समस्याओं को प्राथमिकता दी जाए। उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि किसी प्रकार की शिथिलता या उत्पीड़न को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

मुख्य अधिकारीगण की मौजूदगी

कार्यक्रम के दौरान सबसे चर्चित घटना रही मिश्रिख के विधायक रामकृष्ण भार्गव का भड़कना। उन्होंने मिश्रित, संदना, मछरेहटा और रामकोट थानों के निरीक्षकों पर गंभीर आरोप लगाए। विधायक का कहना था कि पुलिस मुकदमे दर्ज करने से लेकर विवेचना तक में भ्रष्टाचार करती है। वसूली के चलते अपराधियों को संरक्षण मिलता है, विवेचना के दौरान धाराएँ कमजोर कर दी जाती हैं या तहरीर में हेरफेर किया जाता है। उन्होंने चुनौती भरे लहजे में कहा, “मेरी सिफारिश की जांच करा ली जाए, अगर गलत पाई गई, तो मैं स्वयं इस्तीफा दे दूँगा।”

महिलाओं की सुरक्षा पर प्रशासन सख्त

हाल ही में मिश्रित होली मेले के दौरान महिलाओं के साथ छेड़छाड़, चेन स्नैचिंग और छिनैती की घटनाओं ने प्रशासन की नींद उड़ा दी थी। समाधान दिवस में जिलाधिकारी ने इन घटनाओं पर गहरी नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने पुलिस विभाग को सख्त चेतावनी दी कि अगर कार्यशैली में तुरंत सुधार नहीं आया, तो ऐसी कार्रवाई की जाएगी जो भविष्य के लिए नजीर बनेगी।

मिश्रित थाने पर भ्रष्टाचार के आरोपों की बौछार

मिश्रित थाने की कार्यप्रणाली पर एक के बाद एक गंभीर आरोप सामने आए। प्राप्त शिकायतों के अनुसार, थाना परिसर में एक चर्चित दलाल की मजबूत पकड़ है, जो जमानत, जेल से रिहाई, जुए में संरक्षण, अवैध पेड़ कटान जैसे मामलों में कथित ‘रेट लिस्ट’ बनाकर लेन-देन करता है।सबसे चिंताजनक आरोप यह रहा कि नाबालिग या लापता लड़कियों के मामलों में बिना पिंक सेंटर भेजे ‘समझौता’ कराए जाते हैं और पीड़ित पक्ष से अवैध धन की वसूली की जाती है।

महिलाओं के विरोध के बावजूद दलाल का संरक्षण

स्थानीय महिलाओं ने पहले भी इस दलाल के खिलाफ सार्वजनिक विरोध किया था, लेकिन इसके बावजूद उसे थाना परिसर में संरक्षण मिलता रहा। आज भी उसकी पकड़ पहले जैसी मजबूत बनी हुई है, जो पुलिस की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े करता है।

पुलिस अधीक्षक की सख्ती बेअसर

हाल में नियुक्त पुलिस अधीक्षक अंकुर अग्रवाल द्वारा सख्त निर्देश देने और चेतावनी देने के बावजूद मिश्रित थाना क्षेत्र में कोई ठोस सुधार देखने को नहीं मिला है। यह संकेत करता है कि थाने स्तर पर कुछ पुलिसकर्मी अब भी पुराने भ्रष्ट तंत्र को बचाने में जुटे हुए हैं।

जिलाधिकारी की सख्त चेतावनी और निर्देश

समाधान दिवस में जिलाधिकारी ने स्पष्ट निर्देश दिए कि पहले के समाधान दिवसों में प्राप्त शिकायती पत्रों में से हर विभाग कम-से-कम पांच-पांच शिकायतों पर शिकायतकर्ता से फीडबैक लेकर निस्तारण की पुष्टि करेगा।

मौके पर कुछ शिकायतों का निस्तारण

तहसील मिश्रिख में 56 शिकायतें प्राप्त हुईं, जिनमें से 6 का निस्तारण मौके पर ही किया गया। अन्य तहसीलों में तहसील लहरपुर में 42 शिकायतों में से 3, तहसील सिधौली में 56 में से 7, तहसील महोली में 38 में से 4, तहसील महमूदाबाद में 43 में से 7, तहसील बिसवां में 83 में से 7, तथा तहसील सदर में 26 में से 6 शिकायतों का निस्तारण तुरंत कर दिया गया। बाकी शिकायतों को पृष्ठांकित कर एक सप्ताह के भीतर निस्तारित करने के निर्देश दिए गए।

मुख्य अधिकारीगण की मौजूदगी

समाधान दिवस में उपजिलाधिकारी मिश्रिख शैलेन्द्र मिश्रा, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. सुरेश कुमार, जिला विकास अधिकारी हरिश्चंद्र प्रजापति समेत संबंधित विभागों के अधिकारी मौजूद रहे।

निष्कर्ष:

समाधान दिवस की इस तस्वीर में एक ओर प्रशासन की सक्रियता नजर आई, तो दूसरी ओर पुलिस महकमे की लचर कार्यप्रणाली, भ्रष्टाचार और महिलाओं की असुरक्षा जैसे मुद्दे सामने आकर प्रशासन की छवि को चुनौती दे गए। अब देखना होगा कि जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक के निर्देशों के बाद जमीन पर क्या बदलाव नजर आता है और क्या भ्रष्ट तंत्र पर लगाम कस पाती है या नहीं।

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