सीतापुर हरगांव संदेश महल
गन्ना कृषकों को समय रहते रोग और कीटों से बचाव हेतु मार्गदर्शन देने के उद्देश्य से उत्तर प्रदेश गन्ना शोध परिषद, शाहजहांपुर के वैज्ञानिकों की एक टीम ने जिला गन्ना अधिकारी रत्नेश्वर त्रिपाठी एवं चीनी मिलों के वरिष्ठ गन्ना प्रबंधकों के साथ मिलकर हरगांव क्षेत्र के विभिन्न गांवों में गन्ना फसल का संयुक्त निरीक्षण किया।गुरुवार को किए गए इस व्यापक निरीक्षण में जवाहरपुर और हरगांव चीनी मिल क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले ग्राम कुसैला,कुतलुपुर,दौली, किशनापुर,परसड़ा शरीफपुर, भुर्जिनपुरवा, बेलीथारा, चड़रा पिपरी शादीपुर, फरीदपुर, जगदेवा और मुसब्बरपुर में गन्ना फसलों का गहन परीक्षण किया गया।निरीक्षण टीम में डॉ. अनिल कुमार सिंह (शस्य वैज्ञानिक), डॉ. सुनील विश्वकर्मा (पादप रोग वैज्ञानिक), और डॉ. नीलम कुरील (कीट वैज्ञानिक) शामिल रहे। टीम ने गन्ना फसलों में रोग और कीट प्रकोप की स्थिति का मूल्यांकन किया।निरीक्षण के दौरान यह पाया गया कि अधिकांश क्षेत्रों में गन्ना फसल अच्छी स्थिति में है तथा उसका विकास संतोषजनक है। कुछ खेतों में पायरिल्ला कीट की उपस्थिति देखी गई, किन्तु प्राकृतिक परभक्षी कीटों की उपस्थिति भी प्रचुर मात्रा में थी, जिससे फसल को गंभीर नुकसान की आशंका नहीं है।कुछ स्थानों पर चोटी बेधक और सैनिक कीट का हल्का प्रभाव देखा गया। इस पर वैज्ञानिकों ने कृषकों को फैरोमोन ट्रैप, लाइट ट्रैप अंतःप्रवाही कीटनाशी का प्रयोग करने और खेतों में निरंतर नमी बनाए रखने की सलाह दी।निरीक्षण के दौरान वरिष्ठ गन्ना महाप्रबंधक संजीव राणा विनीत सिसोदिया,अजय भानु सिंह सहित अन्य विभागीय अधिकारी एवं बड़ी संख्या में गन्ना कृषक उपस्थित रहे।यह संयुक्त निरीक्षण न केवल फसल की स्थिति को समझने में सहायक रहा, बल्कि किसानों को वैज्ञानिक तरीकों से कीट प्रबंधन के उपाय बताकर फसल की गुणवत्ता और उत्पादन क्षमता को भी सुनिश्चित करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम सिद्ध हुआ।