विद्यालय संपत्ति बिक्री विवाद: अधिकारी मौन, ग्रामीणों में आक्रोश

जयप्रकाश रावत बाराबंकी संदेश महल
उच्च प्राथमिक विद्यालय कंपोजिट दौलतपुर में विद्यालय की संपत्ति को कथित रूप से “कबाड़” बताकर ₹6200 में बेचने का मामला सामने आने के बावजूद, शिक्षा विभाग के जिम्मेदार अधिकारी अब तक मौन हैं। न कोई जांच समिति गठित की गई, न ही प्रधानाचार्य से औपचारिक जवाब तलब किया गया। इस चुप्पी ने ग्रामीणों के आक्रोश को और भड़का दिया है।

ग्राम प्रधान और एसएमसी को नहीं दी गई जानकारी

ग्राम प्रधान और एसएमसी के सदस्यों ने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि उन्हें न तो किसी प्रकार की सूचना दी गई, न ही कोई सहमति ली गई। बावजूद इसके शिक्षा विभाग के अधिकारी अब तक कोई संज्ञान नहीं ले रहे हैं।

अधिकारी की चुप्पी से खफा ग्रामीण

स्थानीय नागरिकों में महेश, दिनेश मौर्य, उस्मान, गुफरान, श्री पाल, रामनाथ राजपूत का कहना है कि जब सार्वजनिक संपत्ति को निजी निर्णयों से बेचा जाता है और फिर भी जिम्मेदार अधिकारी ‘मौन व्रत’ धारण कर लें, तो इससे बड़ी लापरवाही और क्या हो सकती है?
यदि यही हाल रहा तो हम जिलाधिकारी से मिलकर लिखित शिकायत करेंगे,एक ग्रामीण ने कहा।क्या अब नियम-कानून सिर्फ किताबों तक सीमित हैं?
ग्रामीणों ने सवाल उठाया कि जब बिना सूचना के विद्यालय की सामग्री को बेचने जैसा निर्णय लिया जा सकता है और विभाग चुप रहता है, तो क्या अब नियम-कानून केवल दिखावे भर के रह गए हैं?

शिक्षा विभाग की भूमिका पर सवाल

बीएसए कार्यालय की तरफ से अब तक कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं हुआ है। क्षेत्रीय खंड शिक्षा अधिकारी (बीईओ) से संपर्क का प्रयास किया गया, लेकिन उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया।

error: Content is protected !!