स्थापना दिवस पर विशेष-
“संदेश महल” क्षेत्रीय समाचार पत्र होने के बावजूद भी राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान कायम की। स्थापना दिन से ही यह समाचार पत्र अपने उद्देश्यों और लक्ष्य के प्रति पूरी तरह से स्पष्ट है। देखा जाए तो सही मायनों में वैचारिक क्रांति का वाहक बना। सामाजिक, राजनीतिक, सांस्कृतिक, ऐतिहासिक,आर्थिक क्षेत्रों की रिपोर्टिंग में “संदेश महल” को महारत हासिल है।
प्रत्येक रविवार को प्रकाशित होने वाले आठ पृष्ठों का इंतजार सभी को रहता था। इसमें प्रकाशित होने वाली सामग्रियां न केवल तृप्त किया, बल्कि पढ़ने की अभिरुचि भी विकसित की। वहीं प्रतिदिन संदेश महल बेब न्यूज पोर्टल पर वेबाक खबरों के साथ हाजिर रहता है। जिसपर लाखों की संख्या में विजटर दस्तक देते हैं। प्रतिदिन शाम ढलते ढलते हज़ारों की संख्या में वीवर्स को देखा जा सकता है। यदि मासिक आकलन किया जाए तो लाखों लोगों का प्यार मनुहार “संदेश महल” को मिलता है। जिससे प्रमुख समाचारों और आलेखों की छाप अमिट हो जाती थी। इसके लिए संदेश महल टीम सभी लोगों को कोटिश: आभार ज्ञापित करता है।
देश को आजाद कराने में अपने साहस शौर्य का दमखम दिखाने वाले स्वतंत्रता आंदोलन के वीर सपूतों की यादें ओझल होने लगी थी। उनकी स्मृतियां कालजयी पन्नो पर दर्ज होने के बाद भी युवा पीढ़ी के लिए गुमनाम थी। “संदेश महल” ने उन्हीं स्मृतियों को चुन चुन कर संकलित किया और अपने “सहादत की अनसुनी गाथाएं” नामक शीर्षक के साथ अनवरत प्रकाशित कर रहा है। जिससे युवा पीढ़ी में देश की आजादी हासिल करने वाले अमर नायकों के प्रति बैचारिक पृष्ठभूमि तैयार हो सके। यदि इस लेखन में कुछ छूट रहा है। त्रुटियां हो रही है। तो संदेश महल क्षमा प्रार्थी होने के साथ साथ आपके संदर्भों को आमंत्रित करता है। जिससे प्रकाशन लेखकीय कसौटी में उत्तीर्ण हो सके।
“संदेश महल” समाचार पत्र एवं वेब न्यूज पोर्टल समाचारों का चयन, भाषा का गठन, शीर्षक की बनावट और उसका प्रस्तुतिकरण आपके समक्ष है। फिर भी किसी की कोई परवाह किए बिना समाज के ज्वलंत मुद्दों के साथ आपके समक्ष प्रस्तुत हो रहा है। “संदेश महल” समाचार पत्र परिवार हमेशा पाठकों के प्रति समर्पित रहता है। जो अपने सजग प्रहरियों के साथ अपनेपन के भाव के साथ पाठकों के बीच खरा उतरने के लिए तत्पर है। छुए अनछुए समय को तो लौटाया नहीं जा सकता, परंतु वर्तमान से सुंदर भविष्य को गढ़ा जरूर जा सकता है। इसके लिए आपकी क्रिया प्रतिक्रिया “संदेश महल” समाचार पत्र को इंतजार है।