रिपोर्ट/- अजय कुमार सिंह बाराबंकी संदेश महल समाचार
गगौरा और नंदऊपारा के बीच में हो रहे खनन के संबंध में उपजिलाधिकारी रामनगर तान्या से बात की गई तो बताया कि गगौरा में हो रहे खनन की मुझे किसी भी तरह की जानकारी नहीं है, यदि ऐसा हो रहा है तो मैं अविलंब जांच करवाती हूं।
किंतु इन मिट्टी ठेकेदारों के विरुद्ध कार्रवाई ढाक के तीन पात जैसी सावित होकर रह गई।
मिट्टी खनन माफियाओं की हकीकत किसी से छिपी नहीं है। खुलेआम इस अवैध कारोबार को अंजाम देते नजर आ रहे हैं। सच है कि पुलिस और तहसील प्रशासन का हस्तक्षेप खनन के मामलों में अहम होता है। जब संबंधित अधिकारी ही कुंभकर्णी नींद में सो जाएं तो आखिर क्या हो। इससे प्रशासनिक सांठगांठ उजागर होती नजर आ रही है।
गौरतलब हो कि खनन कार्य के बीच में और पूरा होने के बाद मौके की जांच करने का दायित्व इन दोनों विभागों का होता है। लेकिन कोई भी विभाग मौके पर जाकर जांच नहीं करता है। जिसका फायदा उठाकर यह ठेकेदार मनमाने तरीके से मिट्टी का व्यापार करते नजर आ रहे हैं। अब देखना है कि गगौरा और नंदऊपारा के बीच में हो रहे खनन पर आखिर कौन सी कार्रवाई होती है।