गौशालाओं पर वेजुबान मरने के कगार पर व्यवस्थाएं बदहाल

रिपोर्ट/- घनश्याम त्रिपाठी संतकबीरनगर संदेश महल समाचार

  • कड़ाके की ठंडक में हर कोई ठंड काऊ दंश झेलने को मजबूर है। ऐसे में गोआश्रय केंद्र में गोवंशों की मुकम्मल व्यवस्था न होने से गोवंश ठंडक से ठिठुरे हुए है। गत छः माह से धन न आने से किसी गोआश्रय केंद्र के जिम्मेदार टाट पट्टी, तिरपाल चारा भूसा की ब्यवस्था नही कर पा रहे है। गो आश्रय केंद्र की व्यवस्था देख रहे ग्राम प्रधान व सचिव जिले के आला अधिकारियों से गो आश्रय केन्द्रों पर धन मुहैया कराने की माँग की है। लेकिन धन का मुहैया नहीं हो पा रह है।
    मालूम हो की ब्लाक क्षेत्र पौली में एक स्थाई व छः अस्थाई गोआश्रय केन्द्र संचालित है।अस्थाई गोआश्रय खरचा में 47, कोहलवा में 19,बछईपुर में 12, उदहा में 15, किशुनपुर 36,बगही में 10, स्थाई गो आश्रय मझौरा में 130 गोवंश गोआश्रय केंद्र पर पंजीकृत है। गोवंशों की देख रेख व चारा चोकर के लिए 30 रुपए प्रति गोवंश के हिसाब से सरकारी अनुदान मिलता है। गोआश्रय केन्द्र की व्यवस्था देख रहे ग्राम प्रधान व सचिव का कहना है कि छः माह से गोआश्रय केंद्र पर भरण पोषण को कोई धनराशि नही मिला ,हम लोग किसी तरह से व्यवस्था चला रहे है।
    यदि समय रहते जिले के आला अधिकारियों द्वारा ध्यान नही दिया गया तो आगे व्यवस्था चलाना बड़ा मुश्किल हो जायेगा।
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