जेपी रावत
चूरू राजस्थान के मरुस्थलीय भाग का एक नगर जिसे थार मरुस्थल का द्वार भी कहा जाता है । यहां के ऐतिसाहिक किले और प्राचीन हवेलिया, चित्रशैलीलगातार विदेशी पर्यटकों का आकर्सण केंद्र बानी हुई हैं- पेश हैं एक रिपोर्ट vo-1 चूरू की झरोखे वाली हवेलियां प्राचीन चित्रशैली विश्व प्रसिद्ध फ्रेस्को पेंटिंग वही पुराने गढ़ में देसी तरीके से आवभगत्, और बड़े शहरों से दूर सुकून भरा वातावरण जो अनेक देशी विदेशी पर्यटकों को धोरों की धरा पर खींच लाता है ।
आपको बता दे की पिछले दो साल में राजस्थान में सबसे ज्यादा धार्मिक पर्यटन को चूरू में बढ़ावा है। यहां पर्यटन के जरिए रोजगार को भी बढ़ावा मिला हैं । खास बात यह है कि यहा कई फिल्मों की शूटिंग भी हो चुकी है। बाइट-1 फतेह चंद सोती, इतिहासकार चूरू बाइट-2 अभिषेक शर्मा, चूरू vo-2 यहां आने वाले पर्यटको की पसंद चूरू और मंडावा अधिक होती है, जहां अनेक हवेलिया है। जो वास्तु शिल्प और कला की दृष्टि से लोकप्रिय हैं। पर्यटन के मानचित्र पर अंकित सेठानी का जोहड़ा और सुराणा हवेली आज भी अपनी भावनात्मक छवि सजाए हुए हैं। बाइट-3 श्रीराम शर्मा, चूरू बाइट-4 मनोज कुमार, चूरू vo-3 चूरू की हवेलिया, जोहड़े, प्राचीन मंदिर और छत्रियां पर्यटकों को बहुत लुभाती हैं। हवेलियों की भब्यता और इनकी दीवारों में उकेरे गए नित्ति चित्र आज आकर्षण का केन्द्र बनी हुई हैं ।