सूरज रस्तोगी
लखीमपुर खीरी संदेश महल समाचार
बाघों के संरक्षण पर हर साल सरकार अरबों रुपये खर्च करती है। इसके बावजूद बाघों की मौत चिंता का विषय तो है ही, साथ ही निगरानी व्यवस्था भी सवालों के घेरे में है। तीन वर्षों में बाघों की मौत पर एक नजर –
फरवरी 2020
किशनपुर सेंक्चुरी की कटैया बीट में एक बाघिन का शव मिला।
अगस्त 2020
बफरजोन मैलानी रेंज की जटपुरा बीट में बाघिन का शव मिला।
जनवरी 2021
गोला रेंज की सिंकदरपुर बीट में एक मादा बाघ शावक का शव मिला। सेप्टीसीमिया से मौत की हुई पुष्टि।
फरवरी 2021
दुधवा नेशनल पार्क की बेलरायां रेंज में बाघ का शिकार।
अप्रैल 2021
किशनपुर सेंक्चुरी में बाघिन का शव मिला। डायरिया बताया गया।
सितंबर 2021
बफरजोन की मैलानी रेंज में एक मादा बाघ शावक का शव मिला।
अप्रैल 2023
बफरजोन की मैलानी रेंज की सलेमपुर बीट में एक बाघ का शव मिला। पोस्टमार्टम में अंदरूनी अंग फेल होने और आंत में हड्डी फंसने से मौत की पुष्टि।
3 जून 2023
बफरजोन की मैलानी रेंज की ग्रंट नंबर तीन बीट के रामपुर ढकैया गांव में शुक्रवार रात 12 बजे घुसी बाघिन। शनिवार सुबह हुई मौत।
5 जून 2023
रायपुर बीट जंगल से सटे गदियाना गांव के पास तेंदुए मरा मिला।
22 अप्रैल 2013 को बफरजोन की मैलानी रेंज की सलेमपुर बीट में एक नर बाघ का शव मिला था। यह नर बाघ भी कुछ समय पहले तक ठीक-ठाक था और खेतों में विचरण कर रहा था। कुछ देर बाद ही बाघ अचानक गन्ने के खेत में गिर गया और वन कर्मियों के सामने ही उसकी मौत हो गई। कुछ इस तरह उत्तर प्रदेश के जनपद लखीमपुर खीरी में वन्य जीवों की मौत का सिलसिला जारी है। गोला रेंज की रायपुर बीट जंगल से सटे गदियाना गांव के पास सोमवार को एक नर तेंदुए का शव मिला है। तेंदुए की गर्दन पर गहरा जख्म था। आपसी संघर्ष मे मौत हुई बताई जा रही है। ग्रामीणों के मुताबिक गदियाना गांव के पास लगे ट्यूबवेल पर तेंदुआ पानी पीने आया था। इसके बाद वहीं पर गिरकर उसकी मौत हो गई। तेंदुए की उम्र दो वर्ष के करीब बताई जा रही है। वन विभाग की टीम ने तेंदुए को शव को कब्जे में लिया है।
मैलानी रेंज की ग्रंट नंबर तीन बीट जंगल से सटे रामपुर ढकैया गांव में शनिवार को बाघिन की मौत हो गई थी। मौत से पहले ठीक-ठाक थी गांव में चहलकदमी कर रही थी। इसके कुछ देर बाद निगरानी टीमों के सामने गिरकर उसकी मौत हो गई थी। आईवीआरआई बरेली में उसका पोस्टमार्टम कराया गया। प्री पोस्टमार्टम रिपोर्ट के मुताबिक भूख और प्यास से तड़पने के बाद सदमे से मौत होना बताया गया।
22 अप्रैल 2013 को बफरजोन की मैलानी रेंज की सलेमपुर बीट में एक नर बाघ का शव मिला था। यह नर बाघ भी कुछ समय पहले तक ठीक-ठाक था और खेतों में विचरण कर रहा था। कुछ देर बाद ही बाघ अचानक गन्ने के खेत में गिर गया और वन कर्मियों के सामने ही उसकी मौत हो गई थी।