जेपी रावत
बाराबंकी संदेश महल
छोटे लाल यादव की मौत की खबर से राजनीतिक गलियारों में शोक की लहर फैल गई। छोटे लाल यादव कई बार के विधायक और राज्य मंत्री रह चुके हैं।पिछले कई दिनों से बीमार थे।लखनऊ के एक निजी अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था। इलाज के दौरान निधन हो गया।
बताते चलें कि छोटे लाल यादव जिले में सपा के पुराने नेता थे।पूर्व मुख्यमंत्री मुलाम सिंह यादव के भी काफी करीबी थे। लेकिन कुछ दिनों पूर्व ही वह समाजवादी पार्टी छोड़कर भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुए थे। उत्तर प्रदेश के जनपद बाराबंकी जिले में देवा कोतवाली क्षेत्र अंतर्गत ग्राम गोपालपुर के रहने वाले थे। बाराबंकी जिले की सदर विधानसभा सीट से वह कई बार विधायक रहे। मुलायम सिंह यादव के करीबी होने के नाते सपा सरकार में उन्होंने राज्य मंत्री पद भी संभाला था। बताया जा रहा है कि एक हफ्ते पहले तबीयत अचानक काफी बिगड़ी, जिसके चलते परिजनों ने उन्हें लखनऊ के एक निजी अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया था। लेकिन हालत में कोई खास सुधार नहीं हुआ और उनका निधन हो गया। छोटेलाल यादव के पार्थिव शरीर का उनके पैतृक गांव गोपालपुर में पूरे सम्मान के साथ में अंतिम संस्कार कर दिया गया।छोटे लाल यादव को बाराबंकी की राजनीति में बड़ा कद हासिल था। बेनी प्रसाद वर्मा और राम सागर रावत के बाद वह जिले में सपा के स्तंभ माने जाते थे।
राजनैतिक कैरियर
छोटेलाल यादव वर्ष 1991 में पहली बार जनता पार्टी से विधायक बने। वर्ष 1993 में हुए चुनाव में वह सपा के टिकट पर चुनाव जीते। वर्ष 1996 में वह कांग्रेस के संग्राम सिंह से चुनाव हार गए। साल 2002 में एक बार फिर छोटेलाल सपा से विधायक चुने गए लेकिन वर्ष 2007 में वे एक बार फिर संग्राम सिंह से वह चुनाव हार गए। उसके बाद जब बेनी प्रसाद वर्मा कांग्रेस में शामिल हुए तो छोटेलाल भी उनके साथ कांग्रेस में शामिल हो गए। वर्ष 2012 में उन्होंने कांग्रेस से सपा प्रत्याशी के खिलाफ चुनाव लड़ा, लेकिन वो हार गए। बाद जब बेनी प्रसाद वर्मा सपा में लौटे तो उनकी भी वापसी हो गई। लेकिन बीते विधानसभा चुनाव के दौरान सपा छोड़कर वह भाजपा में शामिल हो गये थे।
मुलायम ने लगा थी जान की बाजी
छोटेलाल यादव का नेता जी यानी मुलायम सिंह यादव के साथ एक बेहद दिलचस्प किस्सा जनपदवासी आज भी याद करते हैं। दरअसल जब साल 2002 के विधानसभा चुनाव के दौरान कुछ विरोधी तत्व नहीं चाहते थे कि नेताजी छोटेलाल के लिये जनसभा में आएं। लेकिन नेताजी ने किसी की कोई बात नहीं सुनी और दुर्घटना की परवाह किए बिना राजकीय इंटर कालेज बाराबंकी में बने हेलीपैड पर कुछ फीट की ऊंचाई से ही छलांग लगा दी थी। उसके बाद उन्होंने जनसभा को सम्बोधित किया और छोटेलाल के लिये वोट भी मांगे। छोटेलाल यादव के लिये मुलायम सिंह का इस तरह अपनी जान की बाजी लगाने के किस्से को जिले में लोग आज भी याद करते हैं।