रिपोर्ट
जेपी रावत
बाराबंकी संदेश महल समाचार
गरीबों को आसियाना देने का सपना प्रशासनिक अमले की भ्रष्टता की भेंट चढ़ गया है। पीएम आवास में हो रहे बंदरबांट की अधिकारियों की सरपस्ती में ग्राम प्रधान, सेक्रेटरी और बीडीओ की तिकड़ी ने इस योजना का गला घोंट कर रख दिया है।
प्रधानमंत्री ने खुद को देश का चैकीदार कहा था। अब सवाल यह उठता है कि उनकी ही महत्वाकांक्षी योजना भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ रही है। हालांकि योजना में भ्रष्टाचार न हो इसके लिए कई नियम और टीमें हैं। योजना की इलेक्ट्रानिक तरीके से बल्कि सामुदायिक भागीदारी (सामाजिक लेखा-परीक्षा), संसद सदस्यों (दिशा-समिति),केंद्र और राज्य सरकार के अधिकारियों, राष्ट्रीय स्तरीय निगरानी कमेटी के माध्यम से भी निगरानी की व्यवस्था बनाई गई है, लेकिन यह जमीन पर उतरती नहीं दिख रहीं। सख्त नियमावली कागजों पर ही दम तोड़ रही है यही कारण है कि हर कदम पर इस योजना में भ्रष्टाचार जड़े जमा चुका है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी योजना ‘प्रधानमंत्री आवास’ का हाल भी कुछ ऐसा ही है। पीएम का सपना है कि देश के हर गरीब के पास 2022 तक अपना घर हो, लेकिन प्रशासनिक अमला पीएम मोदी के इस सपने को दीमक की तरह खा जाने पर अमादा है। संदेश महल समाचार पत्र टीम ने राजकुमार की शिकायत पर उसकी दशा की जमीनी पड़ताल की तो कुछ इस तरह हकीकत सामने आई।
पेश एक रिपोर्ट
राजकुमार की जमीनी हकीकत की पड़ताल करने संदेश महल टीम जब राजधानी से लगे जिला बाराबंकी के विकास खंड सूरतगंज स्थित ग्राम पंचायत बसौंली पहुंची तो राजकुमार के अनुसार?
परिचय
मेरा नाम राजकुमार पुत्र छेदू लाल मैं जिला बाराबंकी के विकास खंड सूरतगंज अंतर्गत ग्राम पंचायत बसौंली का निवासी हूं। पत्नी उषा देवी सहित दो पुत्र और एक पुत्री में मुकुल 17 वर्ष व डाली 14 वर्ष सहित विकलांग, अर्धविक्षिप्त अंकित कुमार 20 वर्षीय पुत्र हैं। जीविकोपार्जन के लिए दो बीघा जमीन है। परिवार की माली हालत बहुत ही गंभीर है।रोजी रोटी का सहारा सिर्फ मजदूरी है। सरकारी सुविधा के नाम पर एक पात्र गृहस्थी का राशन कार्ड बना हुआ है। वही शौचालय,आवास सहित कोई सुविधा नहीं है।
आवास के लिए क्या आपने किसी भी सक्षम अधिकारी से मांग के लिए शिकायत की?
इस बात पर राजकुमार ने आवास मांग के लिए पुलिंदा ही खोलकर रख दिया।
प्रार्थना के क्रम में कुछ इस तरह से अधिकारियों की पोल पट्टी खुलती नजर आई।
आवास के लिए खंड विकास अधिकारी, मुख्य विकास अधिकारी सहित संबंधित अधिकारियों को सैकड़ों प्रार्थना पत्र दिया। जबकि मेरा नाम आवास सूची क्रमांक संख्या-51 पर दर्ज है। इस तथ्य को अधिकारियों ने भी स्वीकार किया। किंतु नतीजा यह मिला।
अधिकारियों की आख्या रिपोर्ट।
1- आई जी आर एस संख्या-91817600018832 दिनांक 29/10/2018 कार्यालय जिला ग्राम्य विकास अभिकरण बाराबंकी प्रभारी अधिकारी शिकायत कलेक्टे्रट बाराबंकी श्री राजकुमार पुत्र छेदू लाल निवासी ग्राम बसौली जो आवास मांग के संबंध में है। संदर्भित प्रकरण की जांच खंड विकास अधिकारी सूरतगंज से कराई गई। खंड विकास अधिकारी की जांच आख्या के अनुसार शिकायत कर्ता का मकान पक्का बना हुआ है। जिसके कारण आवास का लाभ दिया जाना संभव नहीं है।
2- राजकुमार की शिकायत आई जी आर एस संख्या 40017618060133 दिनांक 23/10/2018 पर खंड विकास अधिकारी सूरतगंज की रिपोर्ट
राजकुमार मिश्र पुत्र छेदू लाल निवासी ग्राम बसौली जांच की गई। जांचोपरांत प्रकरण संज्ञान में आया कि मांगकर्ता का नाम ग्राम पंचायत की प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास सूची के क्रमांक संख्या 51 पर दर्ज है। किंतु मकान पक्का बना हुआ है।ऐसी स्थिति में यह नियमानुसार आवास पाने के पात्र नहीं है।

3- आई जी आर एस संदर्भ संख्या-20017619007066 दिनांक 08/07/2019
श्री राजकुमार निवासी ग्राम बसौली जो आवास मांग के संबंध में है।की जांच श्री विपिन कुमार ग्राम पंचायत अधिकारी बसौली से कराई गई की गई। जांच आख्या के अनुसार इनका नाम मुख्य मंत्री आवास सूची में है। सूची लागू होने व लक्ष्य प्राप्त होने पर आवास की सुविधा प्रदान करा दी जाएगी।
इस संबंध में पीड़ित राजकुमार तमाम शिकायती आवेदन ब जरिए डाक माध्यम से भेजकर शिकायत की किंतु सभी शिकायतें ढांक के तीन पात जैसी सावित हुई।
गौरतलब हो कि राजकुमार का यह भी आरोप है कि उसकी ग्राम पंचायत में आवास वितरण में पूरी मनमानी अधिकारियों द्वारा की गई है।
इसमें पात्र कम अपात्रों की संख्या अधिक है। आरोप है कि कई ऐसे लोगों को आवास दिया गया है जिनके पास जमीन है। सरकारी नौकरी है। पहले से पक्का घर बना हुआ है।
राजकुमार ने दिनांक 23/10/2018 को मुख्य मंत्री को भेजें गये शिकायती पत्र में आरोप लगाते हुए बताया है कि ग्राम पंचायत निवासी गेंद लाल पुत्र रामनाथ,जहारुद्दीन पत्नी अजीज,रामसजीवन पुत्र शत्रोहन,गफ्फार खां पुत्र फरचंद खां के घर पक्के बनें हुए हैं। फिर भी आवास दिया गया। वही शिवभगवान पुत्र देवकली प्रसाद को आवास का लाभ दिया गया। जबकि इनका संपूर्ण घर पक्का बना हुआ है।

गरीबों के लिए बनी इस योजना का लाभ ज्यादातर उन अपात्रों को मिल रहा है जिनके पहले से ही मकान बने हैं।इस बंदरबांट में ग्राम प्रधान, सेक्रटरी और बीडीओ की तिकड़ी शामिल है जिन्हें उच्च अधिकारियों का संरक्षण मिला है। अब देखना यह है कि देश के चैकीदार अपने ही सपनों में लगे भ्रष्टाचारी घुन को कैसे साफ करेंगे?
जिलों में बैठे जिम्मेदार कब अपनी जिम्मेदारी समझेंगे। देश का गरीब, किसान,मजदूरी टकटकी लगाए बैठा है कि अब अच्छे दिन आएंगे। भ्रष्टाचार से मुक्ति मिलेगी। उन्हें उनके सपनों का घर मिलेगा, जिस पर उनका अधिकार है। इनका सपना सच होता है कि यह सवाल भविष्य के गर्भ में है।